मिनी सचिवालय में प्रथम दो तल कार्यालयों के संचालन के लिए लगभग तैयार है। वहीं भूमि तल पर तहसील व उप पंजीयक कार्यालय पहले से संचालित हैं। जिला प्रशासन ने पूर्व में आनन- फानन में आदेश जारी कर गत 20 फरवरी तक कलक्ट्रेट, पुलिस व अन्य कार्यालयों को मिनी सचिवालय के प्रथम व द्वितीय तल पर शिफ्ट कर पालना रिपोर्ट भिजवाने के आदेश दिए थे। लेकिन प्रशासन की ओर तय तिथि तक न तो कलक्ट्रेट और न ही पुलिस विभाग के कार्यालय शिफ्ट हो सके।
केवल एक ही कार्यालय हो पाया शिफ्ट जिला प्रशासन के आदेश के बाद मिनी सचिवालय के द्वितीय तल पर केवल एक ही कार्यालय शिफ्ट हो पाया, वह सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग। वह भी इसलिए कि कार्यालय किराए पर होने के कारण हर माह हजारो रुपए किराए का भुगतान करना पड़ता था। इसके अलावा एक भी कार्यालय वहां शिफ्ट नहीं हो सके।
जिला स्तरीय कई कार्यालय किराए के भवन में जिला मुख्यालय पर कई जिला स्तरीय कार्यालय वर्तमान में किराए के भवनों में संचालित हो रहे हैं। इनमें श्रम विभाग सहित अन्य कई विभागों के कार्यालय हैं। ऐसे कार्यालयों के संचालन के लिए सरकार को हर महीने लाखों रुपए का भुगतान करना पड़ रहा है।
किराए के कार्यालय शिफ्ट हो पुराने कलक्ट्रेट में मिनी सचिवालय में कलक्ट्रेट कार्यालयों की शिफि्टंग के बाद कलक्ट्रेट में खाली हुए कार्यालयों में किराए पर चलने वाले कार्यालयों को शिफ्ट कर सरकार हर माह लाखों रुपए की बचत कर सकती है। इससे मिनी सचिवालय निर्माण पर खर्च हुए करीब 150 करोड़ रुपए का उपयोग हो सकेगा। वहीं महल चौक िस्थत पुराने कलक्ट्रेट के रिनोवेशन व मरम्मत आदि पर खर्च हुए सरकार के करोड़ों रुपए का उपयोग होने के साथ ही कार्यालयों के किराया भुगतान पर खर्च होने वाले लाखों रुपयों की बचत भी हो सकेगी।