सालों तक नहीं मिली कॉलेज व विश्वविद्यालय को जमीन अलवर जिले में राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय, कॉमर्स कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, केन्द्रीय कारागार सहित अनेक सरकारी प्रोजेक्ट के लिए प्रशासन को कई साल तक सरकारी जमीन नहीं मिल पाई। प्रशासन ने कॉमर्स कॉलेज के लिए अलवर शहर के आसपास कई दिनों तक जमीन की तलाश की, लेकिन नहीं मिल पाई। बाद में मुश्किल से कॉमर्स कॉलेज को जमीन मिल पाई। इसी तरह मत्स्य विश्वविद्यालय के लिए भी प्रशासन ने लंबे समय तक शहर के आसपास जमीन की खूब तलाश की, लेकिन नहीं मिल पाई। बाद में मालाखेड़ा के पास हल्दीना रोड पर जमीन मिल सकी। इसी तरह मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन तलाशने में भी प्रशासन को पसीने आए। बाद में जेल परिसर में जमीन मिल पाई। यह तो कुछ ही सरकारी प्रोजेक्ट हैं, जो लोगों की नजर में हैं। इसके अलावा अनेक योजनाओं के लिए भी सरकारी जमीन की जरूरत पड़ती रहती है।
इसलिए नहीं मिल पाती सरकारी जमीन प्रशासन को सरकारी योजनाओं के लिए जमीन नहीं मिलने का बड़ा कारण ज्यादातर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण होना है। प्रशासन के पास सरकारी भूमि का लेखा जोखा नहीं होने से जिले में भूमाफिया पनप गए। इन भूूमाफिया का काम मौेके की सरकारी जमीन तलाश उन पर कब्जा करना है। पिछले दिनों अलवर के आसपास सैंकड़ों बीघा चारागाह, यूआईटी की भूमि पर अवैध कब्जे उजागर हुए हैं।
दो दशक से चर्चा, भूमि बैंक अब तक नहीं जिले में प्रशासन एवं यूआईटी की ओर से भूमि बैंक बनाने की चर्चा दो दशक से ज्यादा समय से हो रही है। लेकिन अब तक न तो प्रशासन भूमि बैंक बना पाया और न ही यूआईटी भूमि बैंक बना पाई। इसका नुकसान यह हुआ कि जिले में हजारों बीघा सरकारी भूमि भूमाफियाओं के हत्थे चढ़ गई।