अलवर जिले के टहला क्षेत्र में प्रशासन गांवों के संग अभियान- 2021 के दौरान करीब 2500 बीघा सरकारी जमीन को नियम विरुद्ध अपात्र लोगों को आवंटन करने के प्रकरण की रिपोर्ट राज्य सरकार के पास पहले ही पहुंच चुकी है। जिला प्रभारी मंत्री बीडी कल्ला इस मामले की जांच एसओजी से कराने की बात कह चुके हैं। एसओजी ने जांच भी शुरू की तथा सरकार ने एक वरिष्ठ आइएएस को टहला क्षेत्र में भेजकर प्रकरण की जांच तक कराई। जिला प्रशासन की ओर से इस मामले की जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय, कार्मिक विभाग, एसओजी, एसीबी को भिजवा चुका है। इसके बावजूद अभी तक यह नहीं हो सका है कि इस सारे खेल के जिम्मेदार अधिकारी कौन हैं। जबकि प्रशासन गांवों के संग अभियान के दौरान सरकारी जमीन आवंटन के लिए नियम कानून हैं। लेकिन नियम कानून को धता बता करीेब 10 हजार करोड़ की सरकारी जमीन को खुर्द बुर्द करने वाले अधिकारी पर अभी कोई आंच तक नहीं आई।
सरकार के 10 हजार करोड़ रुपए बचाए सरकारी जमीन आवंटन में अनियमितता की शिकायत मिलते ही जिला कलक्टर जितेन्द्र कुमार सोनी ने तुरंत एडीएम द्वितीय की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की। जांच कमेटी ने जांच में तत्परता दिखाई और रिपोर्ट जिला कलक्टर व अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रथम न्यायालय को सौंपी। विधिक प्रक्रिया अपनाने के बाद जिला कलक्टर ने अनियमितता पाए जाने पर टहला क्षेत्र के सभी 803 सरकारी जमीन आवंटन प्रकरण निरस्त कर दिए।
कार्रवाई में कोई तो लगा रहा अडंगा जिला प्रशासन की ओर से सरकारी जमीन के गलत आवंटनों के खिलाफ पारदर्शिता से कार्रवाई कर टहला क्षेत्र के कई हजार लोगों की समस्याओं को खत्म किया। लेकिन इस घोटाले में अब तक बड़े अधिकारियों पर सरकार की ओर से कार्रवाई नहीं होना लोगों के गले नहीं उतर पा रहा है। लोगों का मानना है कि उच्च स्तर पर कोई तो है जो पूरे मामले में दोषी लोगों पर कार्रवाई को लेकर अडंगा लगा रहा है।
10 हजार करोड़ के घोटाले पर ऊफ तक नहीं देश में इन दिनों एक औद्योगिक समूह की ओर से सरकार के बैंक, एलआइसी व अन्य वित्तीय संस्थानों को 20 हजार करोड़ का नुकसान पहुंचाने के आरोप पर खूब हल्ला हो रहा है, संसद की कार्रवाई तक ठप है, लेकिन अलवर जिले में करीब 10 हजार करोड़ की सरकारी जमीन को खुर्द बुर्द के घोटाले पर जिम्मेदारों के मुंह से उफ तक नहीं निकल रही।