क्या है आधी आबादी का सच, क्यूं है टिकटों में कम हिस्सेदारी
अलवरPublished: Oct 17, 2023 12:31:01 am
अलवर जिले में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष के लगभग बराबर है। मतदान भी महिलाओं का पुरुषों के लगभग बराबर है। लोकतंत्र के पर्व में पूरी भागीदारी निभाने के बाद भी उनकी चुनाव लड़ने में हिस्सेदारी कम है। पिछले दो विधानसभा चुनाव में महिलाओं के नामांकन में भागीदारी 20 फीसदी से कम रही।


क्या है आधी आबादी का सच, क्यूं है टिकटों में कम हिस्सेदारी
अलवर. नाम भले ही आधी आबादी हो, लेकिन महिलाओं की लोकतंत्र के पर्व में भागीदारी हमेशा पूरी रही है। इसके बाद भी प्रत्याशी चयन में उनकी भागीदारी अभी 20 फीसदी तक भी नहीं पहुंच पाई है। यह हालत तो तब है जब भारत में पिछले दिनों ही महिलाओं को चुनाव में 33 फीसदी आरक्षण देने का बिल सभी राजनीतिक दलों ने एकराय से लोकसभा व राज्यसभा में पारित किया है। राजनीतिक दलों ने महिला आरक्षण का बिल तो पारित कर दिया, लेकिन महिलाओं को पर्याप्त 33 फीसदी उम्मीदवारी देने में उनकी झिझक अभी बरकरार है। यही कारण है कि लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में प्रमुख राजनीतिक दलों की ओर से महिलाओं को उम्मीदवारी अंगुली पर गिनने लायक दी जा सकी है। इतना ही नहीं मतदाता और मतदान में महिलाएं पुरुषों से लगभग बराबरी का फर्ज निभाती दिखाई पड़ती है।