विधानसभा चुनाव में मतदाता के मौन के क्या हैं मायने
अलवरPublished: Nov 15, 2023 10:57:38 pm
विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार अभियान परवान चढ़ने लगा है, लेकिन मतदाता जुबान नहीं खोल रहा, इस कारण प्रत्याशी भी आंकड़ों से ही जीत- हार का अंदाजा लगा रहे हैं। मतदाता सबकी सुनकर आश्वासन भी दे रहा है, लेकिन वोट कहां देगा, इसकी थाह भी नहीं लगने दे रहा।


विधानसभा चुनाव में मतदाता के मौन के क्या हैं मायने
विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में चहुंओर प्रत्याशियों के प्रचार का शोर सुनाई पड़ने लगा है, लेकिन मतदान में 9 दिन शेष रहने के बाद भी मतदाता अभी वोट को लेकर मौन साधे है। हालांकि विभिन्न दलों के प्रत्याशी बड़े- बड़े वादे कर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन सबकी सुनने के बाद भी मतदाता अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। प्रचार के इस शोर में क्षेत्र के मुददे भी फिलहाल गौण ही नजर आ रहे हैं।
प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार अब परवान चढ़ने लगा है। ढोल, डीजे, लाउडस्पीकर का शोर गांव- ढाणियों से लेकर शहर, कस्बों तक सुनाइ पड़ने लगा है। प्रचार अभियान में आने वाले प्रत्याशियों की बात तो मतदाता सुन रहे हैं, लेकिन जवाब किसी को नहीं दे रहे। यही कारण है कि प्रत्याशी और राजनीतिक दल अभी मतदाताओं का मन भांपने में विफल हैं।