देश प्रत्येक दस वर्ष बाद की जनगणना की जाती है। वर्ष 2021 में नई जनगणना (सेंसस) होनी है। प्रदेश में 2021 में जनगणना 9 फरवरी से 28 फरवरी के बीच करने के निर्देश हैं। जनगणना का कार्य अलवर जिला सहित प्रदेश भर में शुरू किया जा चुका है।
नए गांवों की जानकारी मंगवाई
जनगणना निदेशालय की ओर से जनगणना 2021 के लिए अलवर जिले में गठित नए गांवों की जानकारी पहले ही मंगाई जा चुकी है। निदेशालय की ओर से यह जानकारी तहसील स्तर पर पहले ही एकत्रित करा कर मंगाई जा चुकी है। अलवर जिले से भी यह जानकारी भेजी जा चुकी है।
45 दिन में पूरा होगा मकान सूचीकरण कार्य जनगणना के प्रारंभिक चरण में जिले में स्थित मकानों की सूची तैयार की जाएगी। मकानों के सूचीकरण का कार्य 16 मई से शुरू होगा और 30 जून तक पूरा करना होगा। इसके लिए अलवर जिले में चार मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जिले में नियुक्त 128 फील्ड ट्रेनर अब चार्ज अधिकारियों के अधीन कार्यरत प्रगणक व सुपरवाइजर को प्रशिक्षण देंगे। प्रगणक व सुपरवाइजर डाटा संकलन का कार्य करेंगे।
सात हजार कर्मचारी करेंगे जनगणना अलवर जिले में जनगणना कार्य में करीब 7 हजार से कर्मचारियों को लगाया जाएगा। इनमें चार मास्टर ट्रेनर, 128 फील्ड ट्रेनर के अलावा करीब 5909 प्रगणक व 914 सुपरवाइजर शामिल हैं। इस बार जनगणना का कार्य दो तरीके से होगा। इनमें पेपर मोड व मोबाइल एप शामिल हैं। मोबाइल एप पर जनगणना का कार्य नहीं कर पाने प्रगणक व सुपरवाइजर पेपर मोड से यह कार्य कर सकेंगे।
सैन्य व अद्र्ध सैन्य बल क्षेत्रों में नियुक्त होंगे विशेष अधिकारी सैन्य क्षेत्र, अद्र्ध सैनिक बल, विशेष बल आदि क्षेत्रों में जनगणना कार्य के लिए वहां कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों को विशेष चार्ज अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा। अलवर में इटाराणा सहित अन्य सैन्य क्षेत्र तथा पैरा मिलिट्री फोर्स के प्रशिक्षण केन्द्रों के लिए अलग से नियुक्ति की जाएगी।
अतिविशिष्ट व्यक्तियों से होगी शुरुआत जनगणना कार्य की शुरुआत प्रथम दिन अति विशिष्ट व्यक्तियों से की जाएगी। इनमें प्रदेश स्तर पर राज्यपाल, मुख्य न्यायाधीश, मुख्यमंत्री तथा जिले में जिला प्रमुख, नगर परिषद व पालिका चेयरमैन, जनप्रतिनिधि सहित अन्य विशिष्ट व्यक्ति शामिल हैं।
एनपीआर को लेकर असमंजस बरकरार प्रदेश में एनपीआर कराने को लेकर असमंजस अभी बरकरार है। राज्य सरकार फिलहाल प्रदेश में एनपीआर कराने से इनकार कर चुकी है, वहीं केन्द्रीय गृहमंत्रालय के अधीन कार्यरत जनगणना कार्य निदेशालय से भी एनपीआर को लेकर अभी तक कार्ययोजना या विशेष निर्देश नहीं मिले हैं।