अलवर संसदीय क्षेत्र में गत दिनों लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली। कांग्रेस को अलवर संसदीय क्षेत्र के 8 में से 7 विधानसभा क्षेत्रों में पिछडऩा पड़ा। कांग्रेस केवल राजगढ़-लक्ष्मणगढ विधानसभा क्षेत्र में बढ़त ले पाई, लेकिन वह भी पार्टी की आशानुरूप नहीं रही। कांग्रेस ने पार्टी की हार के कारणों की जांच कराने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया। समिति को संसदीय क्षेत्र के सभी 8 विधानसभा क्षेत्रों में जाकर लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के कारणों की जांच को कहा गया।
समिति ने सभी क्षेत्रों में जांच पूरी की जांच कमेटी ने सभी आठ विधानसभा क्षेत्रों में जाकर पार्टी की हार के कारणों की जांच की। वहीं जांच कमेटी ने चुनाव के दौरान पार्टी के खिलाफ कार्य करने वालों को भी चिह्नित करने का कार्य किया। पार्टी सूत्रों के अनुसार कमेटी ने सभी आठ विधानसभा क्षेत्रों में जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं से हार के कारणों पर चर्चा की है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है, जल्द ही इस रिपोर्ट को पहले जिला संगठन और फिर प्रदेश संगठन को सौंपा जाएगा।
छोटे कार्यकर्ताओं पर गिर सकती है गाज कमेटी की ओर से जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद उम्मीद है कि हार का ठीकरा छोटे कार्यकर्ताओं पर ही फूटेगा। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार पार्टी लोकसभा चुनाव में हार को लेकर गंभीर है। इस कारण हार का ठीकरा पार्टी के किसी बड़े नेता भी फूटने की भी आशंका है। हार के लिए दोषी लोगों को चिह्नित करने के नाम पर ज्यादातर पार्टी नेता अभी चुप्पी साधे हैं।
पांच महीने में ही बदल गए थे परिणाम विधानसभा चुनाव में अलवर संसदीय क्षेत्र के आठ विधानसभा क्षेत्रों में से कांग्रेस ने तीन सीटों पर जीत हासिल की। लेकिन करीब पांच महीने बाद ही लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार झेलनी पड़ी। इस कारण पार्टी की ओर से हार के कारणों के लिए गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट महत्वपूर्ण हो गई है।
जांच रिपोर्ट तैयार है लोकसभा चुनाव परिणाम की जांच के लिए गठित कमेटी ने सभी आठों क्षेत्रों में जाकर अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। यह रिपोर्ट जल्द ही जिला संगठन को सौंपे जाने की उम्मीद है।
-टीकाराम जूली , कांगे्रस जिलाध्यक्ष व श्रमराज्य मंत्री