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अलवर में बाजार बंद: लॉक डाउन जैसे हालात रहे, जिले भर में सफल रहा बंद

कोरोना के दूसरे चरण में संक्रमण की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन की ओर से सप्ताह में एक दिन बाजार पूरी तरह बंद रखने का फार्मूला जिलेभर में सफल रहा। जिला मुख्यालय पर ज्यादातर बाजार शाम तक सूने पड़े रहे।

अलवरApr 14, 2021 / 05:16 pm

Lubhavan

अलवर में बाजार बंद: लॉक डाउन जैसे हालात रहे, जिले भर में सफल रहा बंद

अलवर. कोरोना की दूसरी लहर के जिले में बढ़ते प्रभाव को देख व्यापारियों ने मंगलवार को स्वत: स्र्फूत बाजार बंद रखे। जिले में ज्यादातर स्थानों पर बाजार और अन्य व्यावसायिक गतिविधियां बंद होने से लॉकडाउन जैसा नजारा दिखा। बंद के दौरान ज्यादातर बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा, हालात यह थे कि बाजारों व मुख्य मार्गों पर चाय-पान की थड़ी भी खुली दिखाई नहीं दी। इतना ही नहीं मुख्य मार्गों पर यातायात व लोगों की आवाजाही अन्य दिनों की तुलना में काफी कम रही। अलवर शहर की ज्यादातर सडक़ें दोपहर के समय खाली दिखाई दी, जबकि अन्य दिनों में इन मार्गों पर वाहनों की आवाजाही इतनी ज्यादा रहती है कि लोगों को सडक़ पार करना मुश्किल हो जाता है।
जिले में कोरोना संक्रमण में तेजी से हो रही वृद्धि की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन ने पिछले दिनों व्यापार मंडलों के प्रतिनिधियों की सहमति से सप्ताह के हर मंगलवार को बाजार व अन्य व्यावसायिक गतिविधियां बंद रखने का आदेश दिया था। प्रशासन की ओर से आदेश जारी होने के बाद यह पहला मंगलवार था, जिसमें ज्यादातर बाजार बंद रहने और सडक़ों पर यातायात में कमी ने पिछले साल लगे लॉकडाउन की याद ताजा कर दी। केवल दवा और दारू की दुकानें ही खुली दिखी। प्रशासन के आदेश में इन व्यवसायों को बंद से छूट दी गई थी।
कोरोना के दूसरे चरण में संक्रमण की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन की ओर से सप्ताह में एक दिन बाजार पूरी तरह बंद रखने का फार्मूला जिलेभर में सफल रहा। जिला मुख्यालय पर ज्यादातर बाजार शाम तक सूने पड़े रहे।
प्रशासन की ओर से कई दिन पूर्व ही मंगलवार को बाजार बंद रखने के आदेश जारी कर दिए गए, इस कारण ज्यादातर व्यापारी व अन्य लोग सुबह घरों से बाहर नहीं निकले। बाजार व अन्य व्यापारिक गतिविधियां बंद होने से अधिकतर लोग घरों पर ही रहे। इस कारण चैत्र नवरात्र पर भी बाजार में खरीदारी व मंदिरों में माता के दर्शन के लिए लोग घरों से नहीं निकले। शहर में त्रिपोलिया सहित वैष्णों देवी माता का मंदिर, बस स्टैंड व मालाखेड़ा बाजार स्थित माता के मंदिरों में भी सूनापन देखा गया। प्रशासन एवं मंदिरों के पुजारियों ने पहले ही श्रद्धालुओं को मंदिर में नहीं और ऑनलाइन दर्शन का आग्रह किया था, इसका भी लोगों में प्रभाव दिखाई दिया।
पूरी तरह सूना रहा बाजार-

दोपहर एक बजे अलवर शहर का प्रमुख बाजार घंटाघर व होप सर्कस पर एक भी दुकान खुली नहीं थी। यहां चारों तरफ विरानगी छाई हुई थी। नगर परिषद भवन के अंदर से लोगों को मास्क पहनने की सलाह वाले लाउडस्पीकर गूंज रहे थे। यहां से मन्नी का बड़, अस्पताल को जाने वाली सडक़ पर एक या दो दुपहिया वाहन दिख रहे थे। इस समय भवानी तोप से जेल चौराहे, भगत सिंह चौराहे से बस स्टैंड और गोपाल टाकीज के आगे फूले सर्किल व जीडी कॉलेज और एसएमडी सर्किल तक एक भी दुकान खुली दिखाई नहीं थी। दोपहर एक बजे से 2 बजे तक सडक़ों पर ठेली तक दिखाई नहीं दी। नगली सर्किल से जेल चौराहे तक कुछ दोपहिया व चौपहिया वाहन चलते हुए दिखाई दिए, लेकिन इनकी संख्या भी अन्य दिनों की तुलना में काफी कम थी।
मेडिकल व शराब की दुकानें खुली दिखी
शहर में मेडिकल की दुकानें, बैंक, पोस्ट आफिस और शराब की दुकानें खुली हुई थी। अस्पताल के बाहर वाहन खड़े थे जबकि सामान्य दिनों से कम भीड़ थी।
सभी चौराहों पर पुलिस कर्मी तैनात-

अलवर के ज्यादातर चौराहों पर पुलिस कर्मी तेज धूप के बावजूद मुस्तैदी से खड़े थे। कई जगह पुलिस की गाड़ी घूमती हुई दिखाई दी। सूनी सडक़ पर प्रशासन की ओर से रिक्शे में लगा लाउड स्पीकर मास्क पहनने की नेक सलाह दे रहा था।
बाजार खाली तो किया सेनेटाइज-

मंगलवार को शहर के बाजार बंद होने का लाभ नगर परिषद ने भी उठाया, परिषद की ओर से होप सर्कस सहित कई बाजारों को सेनेटाइज किया गया। इस दौरान दुकानों के शटर व उनके बाहरी भाग पर दवा का छिडक़ाव किया गया।
सब्जी व कृषि उपज मंडी में नहीं हुआ कारोबार-

अलवर की थोक कृषि व सब्जी मंडी में पूरी तरह कारोबार ही नहीं हुआ। इस दौरान किसान अपनी कृषि जिंस लेकर मंडी नहीं आए। घंटाघर स्थित रिटेल सब्जी मंडी भी बंद रही। वहीं कॉलोनियों व मोहल्लों में ठेलियों पर सब्जी बेचने वाले भी काफी कम संख्या में नजर आए।
डेयरी, आटा चक्की खुली

प्रशासन ने बाजार बंद के आदेश में दूध की सप्लाई के लिए डेयरी को सुबह व शाम खोलने की छूट दी थी। इस कारण शहर में दूध की डेयरियां खुली रही। इस कारण लोगों को दूध खरीद में परेशानी नहीं हुई। वहीं आटा चक्की को सुबह व शाम खोलने की छूट दी गई थी। नवरात्र के चलते घंटाघर व अन्य कुछ स्थानों पर फल विक्रेता जरूर दुकानों के
बाहर कुछ फल रख बेचते दिखाई दिए।
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