इमरजेंसी के भरोसे अस्पताल सामान्य चिकित्सालय की ओपीडी एक ही समय होने के कारण शाम को इमरजेंसी में रहने वाले दो डाक्टरों के भरोसे ही अस्पताल का संचालन किया जाता है। ऐसे में यदि कोई गंभीर मामला आता है तो चिकित्सक व मरीज दोनों ही परेशान होते है। यहां पर अलवर के अलावा भरतपुर, हरियाणा, दौसा, बांदीकुई, मथुरा, डीग आदि जगहों के मरीज भी बड़ी संख्या में आते हैं।
दिन में दो बार खुल रही है डिस्पेंसरी मेडिकल कॉलेज के ये नियम शहर में संचालित डिस्पेंसरियों पर लागू नहीं होते हैं। यहां आज भी डाक्टर निर्धारित समय में सुबह और शाम को दो बार मरीजों को देखते है। सामान्य चिकित्सालय में ऐसा नहीं हो रहा है।
दो साल पहले हुई थी घोषणा करीब पांच साल पहले अलवर में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा हुई थी। वहीं राज्य सरकार ने राजस्थान के सात जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। इसमें से पांच जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जा चुके हैं लेकिन अलवर में आज तक इसकी नींव भी नहीं रखी गई है।
चिकित्सा शासन सचिव के निर्देश थे कि जहां पर मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं वहां की ओपीडी एक ही समय संचालित की जाएगी। उसी निर्देश पर ओपीडी का समय चल रहा है। यदि आदेश आते हैं तो समय बदल दिया जाएगा। मरीजों को परेशानी ना हो इसलिए ओपीडी के बाद भी मरीजों को इमरजेंसी में देखा जाता है।
डा. भगवान सहाय, प्रमुख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अलवर।