प्रकरण की जांच के लिए जयपुर क्राइम ब्रांच की एएसपी वंदना भाटी दोपहर करीब एक बजे रामगढ़ थाने पहुंची। उन्होंने थानाधिकारी के क्वार्टर पर बैठकर थाने के पुलिसकर्मियों से घटना के बारे में जानकारी ली। राज्य सरकार की ओर से गठित एडीजी एनके रेड्डी, आईजी हेमन्त प्रियदर्शी, आईपीएस पंकज कुमार सिंह और महेन्द्र सिंह की टीम प्रकरण की जांच के लिए अलवर आई। जांच टीम के सभी अधिकारी जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह के साथ शाम करीब साढ़े चार बजे अलवर से सीधे ललावंडी गांव पहुंचे व घटनास्थल का निरीक्षण किया। करीब आधे घंटे बाद अधिकारी घटनास्थल से रामगढ़ थाने के लिए रवाना हो गए।
रकबर के परिजनों से की बात राज्य सरकार की जांच टीम ने थाने में बैठकर स्थानीय पुलिस अधिकारियों से चर्चा की। इसके बाद हाजी हनीफ खां के साथ मृतक रकबर के पिता सुलेमान, चचेरा भाई हारुन सहित कोलगांव-हरियाणा से आए कई परिजनों से अधिकारियों से बंद कमरे में बातचीत की। पुलिस अधिकारियों ने मृतक के परिजनों को निष्पक्ष कार्रवाई करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
निष्पक्षतापूर्वक होगी जांच इधर शाम को हुई प्रेसवार्ता में एडीजी रेड्डी ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से जयपुर से चार अफसरों की टीम बनाकर भेजी गई है। जिसमें वे स्वयं, हेमंत प्रियदर्शी, पंकज कुमार सिंह व महेन्द्र सिंह हैं। यहां आकर ललावंडी घटनाक्रम के संबंध में सम्पूर्ण पहलुओं की पड़ताल करते हुए निष्पक्षतापूर्वक जांच की जाएगी। प्रकरण में जांच अधिकारी मोहनसिंह को निलम्बित व तीन अन्य पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया है। मामले की जांच निष्पक्षतापूर्वक से हो इसके लिए प्रत्येक पहलू व गवाह, सन्तरी सहित अन्य से जांच जारी है। उन्होंने कहा कि रामगढ़ का माहौल किसी भी समुदाय द्वारा खराब नहीं होने दिया जाएगा।