अपर लोक अभियोजक योगेन्द्र सिंह खटाणा ने बताया कि ललावंडी (रामगढ़) के अकबर उर्फ रकबर मॉब लिंचिंग प्रकरण शुरुआत में बहरोड़ एडीजे कोर्ट में था। वहां से अलवर एडीजे संख्या-2 में स्थानांतरित हुआ। अब स्थानांतरित होकर प्रकरण अलवर न्यायालय एडीजे संख्या-1 में विचाराधीन है। प्रकरण में अभियोजन पक्ष के कुल 48 गवाह हैं। इनमें से 25 गवाहों के बयान हो चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार प्रकरण में दिन-प्रतिदिन सुनवाई चल रही है।
उल्लेखनीय है कि 21 जुलाई 2018 की रात हरियाणा के कोलगांव निवासी रकबर और उसका साथी असलम दो गाय लेकर पैदल-पैदल रामगढ़ से ललावंडी होते हुए कोलगांव-हरियाणा जा रहे थे।
उल्लेखनीय है कि 21 जुलाई 2018 की रात हरियाणा के कोलगांव निवासी रकबर और उसका साथी असलम दो गाय लेकर पैदल-पैदल रामगढ़ से ललावंडी होते हुए कोलगांव-हरियाणा जा रहे थे।
रात करीब 12 बजे ललावंडी गांव के अंदर कुछ लोगों ने उन्हें पकड़ लिया। असलम तो छुड़ाकर भाग गया और रकबर लोगों के हत्थे चढ़ गया। गंभीर रूप से मारपीट के बाद लोगों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया। कुछ घंटे बाद पुलिस कस्टडी में रकबर की मौत हो गई थी। प्रकरण में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया था। वहीं, दो लोगों के खिलाफ जांच लम्बित रखी थी।