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अलवर मॉब लिंचिंग : मृतक रकबर के साथी असलम ने बताई घटना की पूरी कहानी, जानकर आप भी चौंक जाएंगे

locationअलवरPublished: Jul 24, 2018 09:32:52 am

Submitted by:

Prem Pathak

मृतक रकबर के साथ गाय ले जा रहे असलम ने उस रात की पूरी घटना बताई।

Alwar mob lynching : Rakbar's friend aslam tell details of that night

अलवर मॉब लिंचिंग : मृतक रकबर के साथी असलम ने बताई घटना की पूरी कहानी, जानकर आप भी चौंक जाएंगे

कोलगांव (हरियाणा) से. गाय लेकर जाते समय पहले भीड़ ने पहले फायरिंग की। फिर उसके बाद मॉब लिंचिंग। यह कहना है कि मृतक रकबर के साथी असलम का।

असलम का कहना है कि वह और रकबर मोटरसाइकिल से बड़ौदामेव गाय लेने गए। उन्होंने मोटरसाइकिल वहीं खड़ी कर दी और फिर रात को ही पैदल-पैदल गाय लेकर कोलगांव के लिए रवाना हो गए। गाय दिन में बिदकती है, इसलिए रात को लेकर चले। ललावंडी गांव में कुछ लोग उनके पीछे आए और उन पर फायरिंग की। इसके बाद उन्हें पकडकऱ मारपीट करने लगे। भीड़ ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
वह उन लोगों से खुद को छुड़ाकर भागा और अंधेरे में खेत के डोल के पीछे चिपककर लेट गया। लोगों की भीड़ खेत में रकबर को पीटती रही। खेत में रेंगते-रेंगते वह एक डोल से दूसरे डोल की ओट में छिप गया। इसके बाद पुलिस आई और रकबर को ले गई। पुलिस और लोगों के जाने के बाद वह वहां से छिपते-छिपाते भागा और सुबह 5 बजे कोलगांव पहुंचा।
आंखें भरी थी और जुबां पर शब्द नहीं थे

मृतक रकबर के पिता सुलेमान भी सोमवार को रामगढ़ थाने आया। सुलेमान बिलकुल गुमसुम था। उसके चेहरे पर जवान बेटे को खोने का दर्द साफ झलक रहा था। उसकी आंखें भरी हुई थीं, लेकिन उसकी जुबां से शब्द नहीं निकल रहे थे।
हारुन बोला, रकबर को भीड़ ने मारा

मृतक रकबर के चचेरे भाई हारुन खां ने पत्रिका को बताया कि रकबर की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या की है। हमलावरों से खुद को बचाकर गांव पहुंचा असलम काफी घबराया हुआ था। उसने बताया कि रास्ते में कुछ लोगों ने उनके साथ मारपीट की। उनसे छुड़ाकर भागा और अंधेरे में खेत में छिप गया। वे लोग रकबर को पीटते रहे। हारुन का कहना है कि असलम ने उन्हें बताया कि रकबर से मारपीट करने वाले लोग आपस में एक-दूसरे का नाम लेकर बातचीत भी कर रहे थे। उनमें से व्यक्ति का नाम नवलकिशोर था।
वसूली का नेटवर्क चल रहा

गोरक्षा के नाम पर यहां वसूली का नेटवर्क चलता है। गोकशी के लिए गोवंश ले जाने वाले तो कथित गोरक्षकों को पैसे दे देते हैं। गोपालक जो गाय खरीदकर लाते हैं वे पैसे देने में आनाकानी करते हैं। ऐसे लोगों से ये लोग मारपीट करते हैं और कई बार फायरिंग भी कर देते हैं। ऐसा बरसों से चल रहा है। इसका पुलिस सहित सबको पता है।
जमशेद खान, जिलाध्यक्ष, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ, कांग्रेस।
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