उधर, रविवार दोपहर जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह भी रामगढ़ पहुंचे और मामले की जानकारी ली। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मामले की जांच चल रही है। दोषियों को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि जांच में यदि पुलिसकर्मियों की भूमिका भी संदेहास्पद मिली, तो उनके खिलाफ भी निश्चित कार्रवाई होगी। रामगढ़ थाना प्रभारी सुभाष शर्मा ने बताया कि कथित गोतस्कर रकबर उर्फ अकबर पुत्र सुलेमान की हत्या के मामले में चार जनों को नामजद किया गया था, जिनमें से दो आरोपित परमजीत सिंह व धर्मेन्द्र यादव को घटना के कुछ घंटे बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया।
मामले में एक अन्य आरोपित ललावंडी निवासी नरेश (32) पुत्र दुलीचंद राजपूत को शनिवार देर रात गिरफ्तार किया गया। रविवार को तीनों आरोपितों को न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। मामले का एक आरोपित ललावंडी निवासी विजय पुत्र रमेश मूर्तिकार फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है।
गौरतलब है कि शुक्रवार देर रात ललावंडी गांव में जंगलों से गोवंश लेकर हरियाणा जा रहे रकबर उर्फ अकबर और उसके साथी असलम की गांववालों ने लाठी डंडों से बुरी तरह पिटाई की। इसमें अकबर ने दम तोड़ दिया, जबकि असलम जान बचाकर भाग गया।
एएसपी अनिल बेनीवाल ने बताया, गोवंश की तस्करी कर हरियाणा ले जाने की सूचना पर पुलिस पहुंची तो ललावंडी निवासी धर्मेन्द्र व परमजीत दो गोवंश के साथ मिले। उनके पास ही एक व्यक्ति कीचड़ में घायलावस्था में पड़ा था। उसने अपना नाम रकबर उर्फ अकबर निवासी कोलगांव जिला नूंह मेवात (हरियाणा) बताया। रकबर ने बताया, वह असलम के साथ लाडपुर से दो गोवंश खरीदकर गांव जा रहा था, तभी लोगों ने पीटना शुरू कर दिया।
इतना बताते ही वह बेहोश हो गया। पुलिस उसे अस्पताल ले गई, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने भीड़ की हिंसा को लेकर कड़ी टिप्पणी की थी। शुक्रवार को संसद में मॉब लिंचिंग पर बहस हुई थी। इसके बाद रात को ही अलवर में हिंसा की वारदात हो गई। रामगढ़ थाने के एएसआइ मोहन सिंह की रिपोर्ट पर एफआइआर दर्ज हुई है। नरेश व विजय की तलाश जारी है।