अलवर मंडी में किसानों को नहीं मिल रहा गेट पास, जिले की सरसों हरियाणा बिकने जा रही, करोड़ों का नुकसान हो रहा
अलवर जिले की मंडी में किसानों को गेट पास नहीं मिल रहे हैं, ऐसे में किसान हरियाणा मंडी में अपनी उपज बेचने जा रहे हैं

अलवर. कृषि उपज मंडियों में एक व्यापारी को कृषि जिंस खरीदने के लिए एक दिन में एक ही गेट पास मिलने से किसान, व्यापारी तथा राज्य सरकार तीनों को ही नुकसान हो रहा है। अलवर जिले की कृषि उपज मंडियों में सरसों की बिकवाली में परेशानी होने के कारण किसान हरियाणा जाकर बेचने की तैयारी कर रहे हैं।
अलवर जिले को सरसों का मुख्य उत्पादक जिला माना जाता है। किसान सरसों बेचकर अपने घर में शादी -ब्याह करते हैं और मकान बनाते हैं। किसान की साल भर की अर्थ व्यवस्था सरसों पर आधारित है। इस साल कोरोना संकट के चलते काफी दिनों तक कृषि उपज मंडियां बंद रही। छूट के साथ मंडिया खुली तो एक व्यपारी को कृषि जिंस खरीदने के लिए एक गेट पास दिया गया।
इस नियम के चलते एक किसान का माल ही व्यापारी एक दिन में खरीद रहा है। इसके चलते किसान को सरसों व गेहूं बेचने के लिए पहले व्यापारी को बताना होगा और व्यापारी की सुविधा से ही उसे आना होगा। ऐसे में अलवर की मंडियों में बहुत कम सरसों आ रही है जिसके कारण यहां की तेल मील संचालक भी परेशान हैं। अलवर जिले के सबसे बड़ी 144 बीघा में स्थापित खैरथल मंडी में प्रतिदिन 40 से 45 हजार बोरियां सरसों की सीजन के समय आती थी जो अब 5 हजार बोरियों तक सिमट गई है। यदि यही हाल रहा तो यहां के किसान आने वाले समय में अपनी सरसों हरियाणा की मंडियों में लेकर बेचेंगे जिससे राजस्व की भी हानि होगी। दूसरी तरफ किसान परेशान हैं कि उनकी सरसों बिक नहीं पा रही है, जबकि इस समय उन्हें पैसों की जरूरत है। व्यापारियों का सीजन स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की हठधर्मिता के चलते पिट गया है। तेल मील संचालकों को अन्य जिलों से मजबूरन सरसों मंगवानी पड़ रही है।
इस बारे में खैरथल कृषि उपज मंडी व्यापार समिति के अध्यक्ष अशोक डाटा का कहना है कि इस क्षेत्र में छोटे किसान हैं जिनसे व्यापारियों के कई पीढिय़ों से सम्बन्ध है। किसान माल बेचने के लिए आना चाहता है लेकिन पास तो एक ही है। यदि एक किसान कुछ ही बोरी लेकर आया तो व्यापारी सारे दिन एक ही किसान से व्यापार कर सकता है जिससे व्यापार को नुकसान हो रहा है, वहीं किसान परेशान है।
यह कहते हैं अधिकारी
कृषि उपज मंडी समिति के सचिव मोहन लाल जाट का कहना है कोरोना गाइड लाइन के अनुसार ही एक व्यापारी को एक गेट पास दिया जाएगा। यह नियम सरकार ने ही बनाए हैं।
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