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अलवर में पार्षदों की बाड़ेबंदी, कांग्रेसी पार्षद इस शहर की वादियों में घूम रहे तो भाजपा वाले इस राज्य में पहुंचे, जनता हो रही परेशान

locationअलवरPublished: Jan 03, 2019 10:52:07 am

Submitted by:

Hiren Joshi

अलवर शहर की सरकार बनाने वाले मतदाता नगर परिषद में काम के लिए भटक रहे हैं, वहीं कुर्सी की राजनीति में पार्षद घूम रहे हैं।

Alwar Nagar Parishad Parshad Travelling Before No Confidence Motion

अलवर में पार्षदों की बाड़ेबंदी, कांग्रेसी पार्षद इस शहर की वादियों में घूम रहे तो भाजपा वाले इस राज्य में पहुंचे, जनता हो रही परेशान

सभापति व उप सभापति की कुर्सी की राजनीति में पार्षदों की मौज हो रही है। शहर की सरकार में शामिल भाजपा के पार्षद गुजरात में घूम रहे हैं और कांग्रेस व निर्दलीय पार्षद उदयपुर की वादियों में भरपूर मनोरंजन कर रहे हैं। कुछेक पार्षदों को छोडकऱ ज्यादातर इस उटापटक की राजनीति का भरपूर आनन्द उठा रहे हैं। पार्षद होटलों में रहीसों की तरह जीवन जी रहे हैं। इधर, उनके वार्ड की जनता नाली, रोडलाइट व सफाई जैसी समस्याओं को लेकर परेशान हैं। वार्डों के लोग छोटी- छोटी समस्याओं को पार्षदों के जरिए आगे बढ़ाते हैं। लेकिन अब पिछले करीब आठ दिनों से पार्षद ही गायब हैं। वार्डों के लोग खुद पार्षदों को ढूंढ़ रहे हैं।
पार्षद मिलते थे परिषद में

अविश्वास प्रस्ताव से पहले नगर परिषद व भाजपा के कुछ पार्षद नियमित रूप से वहां जनता से जुड़े कामकाज कराते मिलते थे। लेकिन अब कोई पार्षद नहीं पहुंच रहा है। खुद नगर परिषद के कर्मचारियों का कहना है कि पार्षदों को आए कई दिन हो गए हैं। अधिकतर लोग अब खुद ही अपने काम के लिए आ रहे हैं। पहले जरूर काफी लोग पार्षदों के साथ आते थे।
दस पार्षदों को फोन किया

पत्रिका ने बुधवार को दस पार्षदों को फोन किया। अधिकतर ने कहा कि अभी बाहर हैं। थोड़ी देर बाद बात करते हैं। एक पार्षद ने कहा अभी लिफ्ट में हूं। बाद में बात करता हूं। कुछ पार्षदों ने फोन ही नहीं उठाया। दो पार्षदों ने कहा कि अभी अंधेरा हो रहा है। कुछ पता नहीं चल रहा। इतना जरूर पता चला कि आधे पार्षद उदयपुर तो कुछ पार्षद गुजरात पहुंच चुके हैं। खास बात यह है कि अब उनके वहां से वापस आने का समय भी सुनिश्चित नहीं है। रामगढ़ विधानसभा चुनाव की आचार संहिता का अड़ंगा भी हो सकता है। जिसके कारण बोर्ड की बैठक बुलाने में कुछ दिन और बढ़ सकते हैं।
अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही गायब हो गए पार्षद

नगर परिषद सभापति व उप सभापति के खिलाफ कुछ पार्षदों ने 30 दिसम्बर को अविश्वास प्रस्ताव दिया। उससे पहले ही पार्षदों की बाड़ेबंदी हो गई। मतलब पार्षद करीब आठ दिनों से उदयपुर व जयपुर के आसपास के होटलों में ठहरे हुए हैं। वहां रहीसों जैसा जीवन जी रहे हैं। जनता के बीच रोजमर्रा की जन समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं हैं। पार्षद के नहीं मिलने से उनके वार्डों के लोगों को भी परेशानी हो रही है।

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