दो दिन की छुट्टी के बाद सोमवार को नगर परिषद में सफाई कर्मचारी भर्ती के आवेदकों के दस्तावेज जमा कराने की अंतिम तिथि थी। इसी दिन यह तय करना था कि लॉटरी किस दिन निकाली जाए। इससे पहले ही नगर परिषद आयुक्त संजय शर्मा ने घर से ही 15 दिन का मेडिकल अवकाश भेज दिया। भर्ती से बचने के लिए पहले ही राजस्व निरीक्षक रमेश चन्द और लेखाधिकारी पहले ही मेडिकल पर चले गए।
ऐसा ही तब हुआ जब 27 जून को सफाई कर्मचारी भर्ती की लॉटरी निकाली। उससे एक दिन पहले ही ये अधिकारी मेडिकल लेकर चले गए ताकि उनको कार्यवाहक आयुक्त बनने की जिम्मेदारी नहीं मिल जाए। सबको भर्ती की प्रक्रिया पूरी कराने से डर लग रहा है। डर की वजह कोई नहीं बताना चाह रहा। ऐसे में नगर परिषद में सामान्य कामकाज प्रभावित होने के अलावा सफाई कर्मचारी भर्ती भी अधरझूल में लटक रही है। बेरोजगारों को चिंता है कि आखिर अलवर शहर की भर्ती की लॉटरी कब सफलतापूवर्क निकाली जाएगी। पूर्व में भी निकाली तो निरस्त करनी पड़ी। अब आगे क्या होगा?
एक्सईएन पहले से नहीं नगर परिषद में आयुक्त के बाद एक्सईन बड़ा पद है जो पहले से रिक्त है। एईएन को कार्यवाहक लगा रखा है। 27 जून के घटनाक्रम से पूर्व में वरिष्ठ विधि अधिकारी को कार्यवाहक आयुक्त लगाया गया। इस बार उनको भी कार्यवाहक नहीं लगाया गया जिसके लिए डीएलबी के स्तर से स्पष्ट राय नहीं आई।
सभापति ने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया सभापति अशोक खन्ना ने घटनाक्रम के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। खन्ना ने बताया कि अधिकारी मेडिकल ले जाने की सूचना निदेशक के स्तर पर दी है। वहां से जल्दी कार्यवाहक आयुक्त लगाया जाएगा। जब भी अधिकारी दो या तीन दिन से अधिक अवकाश पर जाते हैं तो विभाग से अनुमति लेकर दूसरे को जिम्मेदारी दी जाती है। इस बार पहले ऐसा नहीं किया गया।