अलवर नगर परिषद परिषद ने शहर को सफाई व्यवस्था के लिहाज से तीन जोन में बांटा हुआ है। वहीं, नगर परिषद में स्थाई और अस्थाई मिलाकर कुल करीबन 1100 सफाई कर्मचारी हैं। जिनमें से ठेकेदारों के माध्यम से करीब 650 अस्थाई सफाई कर्मचारी लगे हुए हैं। ठेके की शर्तों के नियमानुसार ठेकेदारों को स्वयं के खर्चे पर उनके यहां लगे सभी अस्थाई सफाई कर्मचारियों का स्वास्थ्य परीक्षण करा सर्टिफिकेट नगर परिषद को जमा कराना अनिवार्य है, लेकिन अलवर नगर परिषद के तीन में से दो जोन के ठेकेदारों ने अभी तक सफाई कर्मचारियों का स्वास्थ्य परीक्षण करा सर्टिफिकेट नगर परिषद में जमा नहीं कराया है।
कहीं भी फैल सकता है संक्रमण नगर परिषद के सफाई कर्मचारी शहर के हर वार्ड के गली-मोहल्ले और कॉलोनियों में सफाई के लिए जाते हैं तथा घरों से भी कचरा संग्रहण करते हैं। बिना स्वास्थ्य परीक्षण के पता ही नहीं चल पाएगा कि कौन सफाई कर्मी कोरोना पॉजिटिव है। ऐसे में यदि कोई सफाई कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हो तो उसके जरिए शहर में उसके सम्पर्क में आने वाले अन्य सफाईकर्मी व लोग भी कोरोना की चपेट में आ सकते हैं और वार्डों के गली-मोहल्ले व कॉलोनियों में संक्रमण फैल सकता है।
अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान अलवर में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन बेहद अलर्ट है। नगर परिषद की ओर से भी शहर में मास्क बांटे जा रहे हैं तथा सोडियम हाइपो क्लोराइड का छिडक़ाव कराया जा रहा है, लेकिन सफाई कर्मियों के स्वास्थ्य परीक्षण को लेकर नगर परिषद के जिम्मेदार अधिकारी ध्यान तक नहीं दे रहे हैं।
जल्द सर्टिफिकेट के लिए पाबंद किया सभी सफाई ठेकेदारों को उनके यहां लगे अस्थाई सफाई कर्मियों का स्वास्थ्य परीक्षण करा सर्टिफिकेट नगर परिषद को देना अनिवार्य है। एक ठेकेदार ने सफाई कर्मियों का स्वास्थ्य परीक्षण करा सर्टिफिकेट जमा करा दिए हैं। शेष दो ठेकेदारों को जल्द सफाई कर्मियों का स्वास्थ्य सर्टिफिकेट जमा कराने के लिए पाबंद किया गया है।
– सोहन सिंह नरुका, आयुक्त, नगर परिषद, अलवर।