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पंचायत चुनाव लडऩे के इच्छुकों के गले में फंसी होली

locationअलवरPublished: Mar 02, 2020 12:00:00 am

Submitted by:

Prem Pathak

अलवर.होली के त्योहार के तुरंत बाद सरपंच के चुनाव घोषित कर सरकार ने प्रत्याशियों को उलझा दिया है। असल में होली पर गांवों में जमकर धमाल होता है। इस मौज मस्ती में होने वाला खर्च इस बार सरपंच प्रत्याशियों पर थोपा जा सकता है।

पंचायत चुनाव लडऩे के इच्छुकों के गले में फंसी होली

पंचायत चुनाव लडऩे के इच्छुकों के गले में फंसी होली

अलवर.होली के त्योहार के तुरंत बाद सरपंच के चुनाव घोषित कर सरकार ने प्रत्याशियों को उलझा दिया है। असल में होली पर गांवों में जमकर धमाल होता है। इस मौज मस्ती में होने वाला खर्च इस बार सरपंच प्रत्याशियों पर थोपा जा सकता है। जिसे भांपते हुए सरपंच प्रत्याशी धुलहण्डी को होने वाले खर्च का बंदोबस्त करने में जुट गए हैं। लेकिन, दूसरी तरफ प्रत्याशियों को यह डर भी लग रहा है कि मौज मस्ती में कहीं चुनावी गुटबाजी से कोई बड़ा बवाल नहीं हो जाए। जिससे बचना बड़ी चुनौती है। इस दिन गांवों में बड़े स्तर पर अवैध शराब परोसी जा सकती है।
बानसूर व नीमराणा के निरस्त चुनाव 15 को

सरकार ने पूर्व में सरपंच चुनाव के लिए तीन चरण घोषित किए थे लेकिन, 16 में से 8 पंचायत समितियों में चुनाव निरस्त कर दिए थे। उसके बाद अब सरकार ने नए सिरे से पूर्व में निरस्त पंचायतों में चुनाव की तारीख घोषित की है। सबसे पहले बानूसर व नीमरणा में 15 मार्च को सरपंच के चुनाव होंगे। इससे पहले होली का त्योहार है। इससे सरपंच का चुनाव लडऩे वालों को धुलण्डी पर गांवों में होने वाले सार्वजनिक धमाल का खर्च वहन करने का बोझ डाला जा सकता है। जानकारों के अनुसार सरपंच पद के सम्भावित प्रत्याशियों को धुलण्डी पर शराब का इंतजाम भी करना होता है।
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