अलवर: देवउठनी एकादशी से पूर्व शहर में निकली कई बारातें, ना गाइडलाइन की पलना हुई, ना लोगों ने मास्क लगाए
राजस्थान में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच शादी-विवाह को लेकर नियम बनाए गए हैं। लेकिन अलवर में इनकी पालना नहीं की जा रही है।

अलवर. जिले में कोरोना संक्रमण तेज रफ्तार से बढ़ रहा है, इसी कारण राज्य सरकार व जिला प्रशासन ने विवाह कार्यक्रमों की छूट देते हुए कुछ बंदिशें लगाई हैं। इन बंदिशों की पालना लोगों को स्वयं विवेक से करने के साथ ही मॉनिटरिंग के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को भी नोडल अधिकारी के रूप में लगाया है। मैरिज होम में सीसीटीवी कैमरे की अनिवार्यता सहित शादी आयोजनों में बारात, निकासी आदि पर पाबंदी लगाई है। कोरोना संक्रमण के बावजूद देवउठनी एकादशी से एक दिन पूर्व मंगलवार को अलवर शहर में बारात, निकासी, चाक पूजन, बैण्डबाजों व ढोले का शोर खूब सुनाई दिया।
प्रशासन की ओर से कोरोना बीमारी को रोकने के लिए नियमों में सख्ती की गई है। इसके चलते इस बार महिला संगीत, शादी से पहले निकलने वाली निकासी, चाक, सहित अन्य कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है। लेकिन प्रशासन की रोक के बाद भी देवउठनी एकादशी के सावे से 1 दिन पहले शहर में जगह जगह पर ढोल बजते नजर आए।
अलवर शहर के टोली का कुआं ,कुम्हार पाडी, स्वर्ग रोड स्कीम नंबर 4 , चामुंड पार्टी सहित अन्य स्थान जहां पर कुम्हार परिवार रहते हैं। वहां पर रोक के बाद भी चौक पूजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई और और ढोल पर खूब नृत्य भी किया। ज्यादातर महिलाएं बिना मास्क के ही नजर आई।
इधर प्रशासन की सख्ती के चलते वर वधु पक्ष के लोगों ने मंदिरों में ही चाक का आयोजन किया। जिसकी प्रशासन को भनक तक नहीं लगी। इसके साथ ही अलवर शहर के मैरिज होमो सामुदायिक धर्मशाला आदि में भी चाक के कार्यक्रम कार्यक्रम हुए। जिसमें ढोल भी बजे और महिलाओं ने नृत्य भी किया।
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