अलवर में बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पुलिस की तरफ से विशेष पहल की गई है। एक थाना क्षेत्र के सिगमा, लेपर्ड थाने का पुलिस बल व महिला विशेष टीम, मानव तस्करी यूनिट, पुलिस कंट्रोल रूम सहित अन्य विशेष सेल व टीम में लगे पुलिस कर्मियों की तरफ से वाहनों की जांच की जाती है। जिससे पुलिस को देख कर भागने वाले वाहन चालकों को पकड़ा जा सके। इसके अलावा बिना नंबर प्लेट व बिना वाहन के पेपर सहित अन्य वाहन चालकों को पकड़ा जा सके। इसके अलावा पुलिस की तरफ से अलवर में दिन व रात में होने वाली गस्त प्रणाली में भी बदलाव किया गया है।
पुलिस अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने बताया कि अलवर की गस्त प्रणाली व रात्रि गश्त अवस्था में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिससे बदमाशों व असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा सके। उसके लिए रात के समय एक थाना क्षेत्र के भीड़भाड़ वाले स्थान पर वाहनों की जांच की जाती है। पुलिस गश्त में लगे कर्मचारियों को मौके से अपनी फोटो व वीडियो पुलिस के बने विशेष व्हाट्सएप ग्रुप पर अपलोड करते हैं। जिससे उनकी लोकेशन व ड्यूटी का पता चल सके।
अभय कमांड कंट्रोल रूम जल्द होगा शुरू अलवर में जल्दी ही अभय कमांड कंट्रोल रूम शुरू होगा। पुलिस कंट्रोल रूम के इंचार्ज ने बताया कि कंट्रोल रूम में सभी तैयारी पूरी हो चुकी है। शहर में लगे कैमरे को कंट्रोल रूम से जोड़ने का काम चल रहा है। यह काम पूरा होने के बाद कंट्रोल रूम को शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए पुलिसकर्मियों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है। यह कंट्रोल रूम पूरी तरह से हाईटेक होगा। इसमें कॉल रिकॉर्डिंग व कॉल ट्रैकिंग सहित सभी आधुनिक सुविधा है।
पुलिस के वाहन हुए पुराने पुलिस की गश्त व्यवस्था में लगे पुलिस के वाहन पुराने हो चुके हैं। ऐसे में पुलिस का बदमाशों का पीछा कर पकड़ना संभव नहीं है। इसका फायदा उठाकर बदमाश घटना को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। लंबे समय से गस्त में लगे वाहनों को बदलने की मांग चल रही है।