अलवर. अपराधियों को छोड़ गाड़ी में रखे 50 लाख रुपए डकारने के मामले में निलम्बित इंस्पेक्टर महेश शर्मा पिछले कई सालों से लगातार विवादों में बने हुए हैं। उनकी जिस भी थाने में पोस्टिंग रही वहीं उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। उच्चाधिकारियों की कृपा उन पर ऐसी बनी रही कि हर बार उन्हें अच्छे से अच्छे थाने में पोस्टिंग मिलती गई। उनके भ्रष्टाचार के कारनामे जब पुलिस मुख्यालय तक पहुंचे तो अधिकारियों को अपनी खाल बचाने के लिए उन पर कार्रवाई करनी पड़ी।
इंस्पेक्टर महेश शर्मा सब इंस्पेक्टर रहते हुए अलवर जिले में सीआईयू (अब डीएसटी) में इंचार्ज रहे। इसके बाद रैणी और गोविंदगढ़ थाना प्रभारी रहे। इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन होने पर वे कुछ समय के लिए अलवर जिले से बाहर चले गए, लेकिन फिर वापस लौटकर अलवर आ गए। यहां उन्हें सदर एसएचओ लगाया गया। इसके बाद शहर कोतवाली थानाधिकारी पद पर लगा दिया गया। महेश शर्मा पर सीआईयू से लेकर गोविंदगढ़, रैणी, सदर और कोतवाली थाने में भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे रहे। सदर और कोतवाली थाने में उन पर कई गंभीर आरोप भी लगे, लेकिन हर बार उच्चाधिकारी उन्हें बचा गए।
पहले गैलेंट्री प्रमोशन मिला, अब भ्रष्टाचार की सजा
भ्रष्टाचार मामले में इंस्पेक्टर महेश शर्मा के साथ निलम्बित हुआ हैडकांस्टेबल जान मोहम्मद पिछले काफी समय से स्पेशल टीम है। कमाऊ पूत होने के कारण वह अधिकारियों का काफी चहेता रहा है। हथियार तस्करों के पकड़ने के मामले में अधिकारियों की सिफारिश पर जान मोहम्मद को करीब दो-ढाई साल पहले पुलिस मुख्यालय ने गैलेंट्री प्रमोशन देते हुए कांस्टेबल से हैडकांस्टेबल बना दिया, लेकिन अब उसके भ्रष्टाचार के काले कारनामे सामने आने पर निलम्बित कर दिया।
ट्रैक्टर लूट के मुल्जिम को छोड़ा
जानकारी के अनुसार 10-11 जुलाई की रात रामगढ़ रोड पर इंस्पेक्टर महेश शर्मा और हैडकांस्टेबल जान मोहम्मद ने ट्रैक्टर लूट के आरोपी असलम उर्फ अकरम और उसके साथी को पकड़ा था। जिनके पास गाड़ी में 50 लाख रुपए रखे थे। दोनों पुलिसकर्मियों ने गाड़ी में रखे 50 लाख रुपए अपने पास रख लिए और इसकी एवज में मुल्जिमों को छोड़ दिया था। इसमें मामले में कुछ अन्य पुलिसकर्मी और मीडिया से जुड़े लोगों के नाम भी सामने आ रहे हैं।
विजीलेंस टीम जांच में जुटी
वहीं, प्रकरण में जयपुर मुख्यालय से एएसपी सतीश यादव के नेतृत्व में आई विजीलेंस टीम गुरुवार को दूसरे दिन भी अलवर में रही। विजीलेंस टीम के अधिकारी मामले की जांच पड़ताल में जुटे रहे।