scriptरेलवे स्टेशन अलवर के सामने का हाल बेहाल, गंदगी, अतिक्रमण से 500 मीटर की सडक़ पर रोजाना 50 हजार लोग परेशान | Alwar Railway Station : Garbage And Traffic Jam Outside Alwar Junction | Patrika News

रेलवे स्टेशन अलवर के सामने का हाल बेहाल, गंदगी, अतिक्रमण से 500 मीटर की सडक़ पर रोजाना 50 हजार लोग परेशान

locationअलवरPublished: Oct 11, 2019 02:52:07 pm

Submitted by:

Lubhavan

Alwar Railway Station : अलवर रेलवे स्टेशन के बाहर अतिक्रमण, गंदगी और ट्रेफिक जाम के कारण रोजाना 50 हजार लोग परेशान होते हैं।

Alwar Railway Station : Garbage And Traffic Jam Outside Alwar Junction

रेलवे स्टेशन अलवर के सामने का हाल बेहाल, गंदगी, अतिक्रमण से 500 मीटर की सडक़ पर रोजाना 50 हजार लोग परेशान

अलवर. अलवर जंक्शन के सामने करीब 500 मीटर की दूरी के रोड पर रोजाना करीब 50 हजार आबादी अतिक्रमण, जाम, बेतरतीब खड़े वाहनों, कचरे व शराबियों के बीच धक्के खाने को मजबूर है। जिम्मेदार अलवर प्रशासन जानबूझकर आंखें मूंद कर बैठा है। जबकि 24 घण्टे में अलवर जंक्शन से करीब 12 से 15 हजार यात्री निकलते हैं। इसके अलावा एक चौथाई अलवर शहर के अलावा आधे से अधिक जिले के हजारों लोगों का यहां से आना-जाना पड़ता है। फिर भी नगर परिषद अतिक्रमियों के आगे चुप है। यातायात पुलिस कर्मचारी यहां रोड रोक कर बैठे ठेलों के आगे चाय पीते हैं। रेलवे पुलिस बल के जवान चुप्पी साधे सब देखते हैं। परिवहन विभाग यहां आकर नहीं झांकता। जबकि आसपास की जगहों पर नाके लगा वसूली होती है। लेकिन, जनता के लिए ये अधिकारी इस 500 मीटर की रोड को पूरी तरह साफ नहीं करा पा रहे। अवैध जीपों को नहीं हटाते। रोड किनारे लगे मांस-मछली के अड्डों को नहीं हटाते हैं। अवैध शराब बिक्री के कारण रात भर इस रोड पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहने से महिलाएं यहां से निकलने से डरती हैं।
7 बजे बाद सोसायटी के लोग बाहर नहीं आते

स्टेशन के सामने शराबी, मांस, मछली अण्डे की दुकानों के आसपास का ऐसा माहौल रहता है कि आसपास की कॉलोनी व सोसायटी के लोग देर शाम के बाद डर के कारण आते ही नहीं हैं। जब कभी कोई काम भी पड़ता है तो महिलाएं पुरुष के साथ ही आती हैं।
3 शराब के ठेके, 10 अवैध अड्डे

स्टेशन के सामने तीन शराब की दुकानें हैं। पहले दो थी। इस बार काली मोरी पुल के नीचे कच्ची शराब की दुकान खोल दी। इसके अलावा करीब 10 जगहों पर रात आठ बजे बाद अवैध रूप से शराब बिकती है। जबकि ट्रेन से दिन-रात यात्रियो की आवाजाही बनी रहती है। शराबियों के कारण यात्री भी असुरक्षित महसूस करते हैं। यह सब प्रशासन को पता होने के बावजूद चुप्पी साधकर बड़ी घटना होने का इन्तजार है। उसके बाद ही प्रशासन जागेगा। फिर अतिक्रमण, अवैध जीप के अड्डे, खोखे, शराब के ठिकाने, रिक्शो व दुकानों के आगे के कब्जे हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
30 से अधिक ठेले, खोखे व पटाव

जंक्शन के सामने बिजली घर चौराहे के मोड़ से पर्यटन विभाग के कार्यालय तक करीब 30 से अधिक खोखे, ठेले व मांस-मछली की अस्थाई दुकानें हैं। जो दिनभर लगती हैं। रात्रि के समय एक दर्जन से अधिक अण्डे की दुकाने रोड पर लग जाती हैं। रात्रि को जब ट्रेन से यात्री आते हंैं तो पुलिया से सीधे स्टेशन के बाहर की तरफ आते ही पूरा रोड रुका मिलता है। पैदल निकलने को जगह नहीं मिलती है।
12 घण्टे तक स्टेशन से बाहर ज्यादा बदहाली

रेलवे स्टेशन अलवर से बाहर आते ही बदहाली की तस्वीर नजर आती है। सामने ही अवैध रूप से खोखे लगे हैं। रोड पर ऑटो, रिक्शा रोड पर खड़े होने से दूसरे वाहनों को आने-जाने की जगह नहीं मिलती। सामान्य अस्पताल की तरफ रोड पर ठेले लगे रहते हैं। जिनका कचरा आगे पड़ा रहता है। दूसरी तरफ ढाबे की गंदगी और आगे रोड पर वाहनों का जमावड़ा मिलता है। यही नहीं यहां भी ऑटो व रिक्शा रोड पर खड़े होते हैं।
20 से अधिक अण्डे, मांस-मछली की दुकान

रोड के दोनों तरफ अण्डे, मांस-मछली की ठेले हैं। जिनकी गंदगी से नाले अटे पड़े हैं। बदबू इतनी है कि रुक नहीं सकते। फिर इन ठेलों के आसपास अवैध शराब बिकती है। फुटपाथ पर ही शराब परोसी जाती है। कांच की बोतले पड़ती मिलती है। देर रात तक शराबियों का जमावड़ा रहा है। इस तरह के माहौल से बचने के कारण मजबूरी में लोगों को रास्ते बदलने पड़ते हैं।
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