किसानों के चेहरे पर खुशी-इस बरसात से सबसे अधिक खुशी किसानों को हुई जो काफी समय से इस बरसात का इंतजार कर रहे थे। बरसात से बाजरे की फसल को फायदा होगा। इस बरसात से अलवर जिले में चारे की समस्या का पूरी तरह समाधान हो जाएगा जिसके कारण पशुओं को पालना मुश्किल हो रहा था। अलवर जिले में चारे के भाव काफी बढ़ने से गौशालाओं में गौवंश को पालना मुश्किल हो गया था।
———-अलवर शहर में 131 मिमी बरसात, सीलिसेढ़ में 102 मिमी अलवर जिले में गुरुवार को जमकर बरसात आई। बुधवार को तड़के चार बजे से बरसात शुरू हुई जो सुबह 8 बजे तक चलती रही। इस बरसात से शहर में पानी ही पानी जमा हो गया। अलवर शहर में सुबह 8 बजे तक ही 131 मिमी बरसात हुई और दिन में अलग मेघ बरसे। रात 12 बजे से सुबह 8 बजे तक रामगढ़ में 55, मुंडावर में 32, बहरोड़ में 20, बानसूर में 85, लक्ष्मणगढ़ में 19, तिजारा मे 34, कठूमर में 1, किशनगढ़बास में 44, मालाखेड़ा में 73, राजगढ़ में 35, टपूकड़ा में 20, बहादरपुर में 40, नीमराणा में 4, थानागाजी में 26, कोटकासिम में 30, गोविंदगढ़ में 12, जयसमंद में 70, मंगलसर में 36, सोड़ावास में 45 ओर सीलिसेढ़ में 102 मिमी बरसात हुई।
दिन भर आती रही बरसात-अलवर जिले में सुबह 8 बजे बाद शाम 4 बजे तक हल्की बरसात आती रही। इस दिन अलवर शहर में 5, बहादरपुर में 7, बानसूर में 5, बहरोड़ में 10, किशनगढ़बास में 15, कोटकासिम में 62, मालाखेड़ा में 11, मुंडावर में 18, नीमराणा में 7, मंगलसर में 8, रामगढ़ में 2, टपूकड़ा में 32, तिजारा में 23, सोड़ावास में 15 और सीलिसेढ़ में 9 मिमी बरसात हुई।
————अब होगी बाजरे की तेजी से बुवाई- यह बरसात किसानों के लिए बहुत लाभदायक रहेगी। इस बारे में कृषि उप निदेशक के.एल. मीणा बताते हैं कि इस बार बाजरे की बुवाई का लक्ष्य 2 लाख 90 हजार हैक्टेयर रखा गया है। अभी तक बरसात नहीं होने से इस लक्ष्य का 30 प्रतिशत बुवाई की गई है। अब इस बरसात से खेतों में पानी भर गया है। आगामी दिनों में खेत सूखने के बाद ही बाजरे की बुवाई हो सकेगी। इस बरसात से चारे की कमी नहीं रहेगी। इससे ग्वार, तिल, ज्वार और मूंग की बुवाई होनी है। यह बरसात तो किसानों के लिए सोना बरसने की तरह साबित होगी।&&&&&&&&&&&
———-बाक्स लगाएं– धूलपुरी गांव में बारिश में दीवार गिरी, दबने से दादा की मौत और पोता घायल – पहाड़ की तलहटी में है मकान, बारिश के पानी के बहाव से दीवार में हुआ कटाव
अलवर. सदर थाना इलाके के धूलपुरी गांव में गुरुवार तड़के बारिश के दौरान एक मकान की दीवार गिर गई। जिसके नीचे दबने से बुजुर्ग दादा की मौत हो गई तथा पोता गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने सामान्य अस्पताल में पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया। वहीं, घायल पोते का निजी अस्पताल में इलाज जारी है।
सदर थाने के एएसआई मनोहर लाल ने बताया कि गांव धूलपुरी निवासी नंदलाल (62) पुत्र चुन्नीलाल जाटव का पहाड़ी तलहटी में मकान है। नंदलाल और उसका 11 वर्षीय पोता शिवम पुत्र जितेन्द्र बुधवार रात टीनशैड के कमरे में सो रहे थे। तेज बारिश के दौरान गुरुवार तड़के पहाड़ से आने वाली के तेज बहाव से दीवार के नीचे कटाव हो गया और दीवार गिर गई और जमीन धंस गई। दीवार के नीचे दबने से बुजुर्ग नंदलाल की मौत हो गई और उसका पोता शिवम सिर में चोट लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया। दीवार गिरने की आवाज सुनकर परिजन दौड़े। परिजन और ग्रामीणों ने दीवार के मलबे को हटाकर उन्हें बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने नंदलाल को मृत घोषित कर दिया। उल्लेखनीय है कि मृतक नंदलाल के तीन पुत्र हैं। वो मजदूरी करते हैं।