जब उसे स्कूल के शिक्षक बधाई देने घर पहुंचे तो रवीना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसे विश्वास नहीं हुआ की वह नारायणपुर और थानागाजी की टॉपर है। रवीना के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। पिता रमेश की मौत रवीना के बचपन में हो गई थी। वहीं उनकी माता विद्या देवी बीमार हैं जिनका गुर्दे का तीन साल पहले ऑपरेशन हुआ था।
रवीना परिवार में तीसरे नंबर की बेटी है। परिवार के हालात खराब होने पर भी रवीना ने पढ़ाई जारी रखी। परिवार का खर्च पशु पालन से चलता है। रवीना बकरियां भी चराती है, अपनी मां का घर के काम काज में भी हाथ बंटाती है।
रवीना गुर्जर की 90 वर्ष की दादी जाना देवी ने बताया कि उसकी पौती रवीना के 12 वीं कक्षा में टॉप आने पर वह खुशी के आंसुओं को रोक नहीं पाई और उसने पौती को आशीर्वाद दिया। रवीना गुर्जर के दो भाई हैं, एक बड़ा व दूसरा छोटा है जिसने कक्षा 10 वीं की परीक्षा दी है, जिसका परिणाम आने वाला है। रवीना गुर्जर पुलिस सेवा में भर्ती होकर जनता की सेवा करना चाहती है। रवीना गुर्जर के तीन कच्चे घर हैं जिन पर तिरपाल डाल रखा है। जिनमें आज भी बिजली कनेक्शन नहीं है। रवीना बैटरी की रोशनी तथा बकरी चराते समय पढ़ाई करती है।