हर दिन शहर में नई बनाई सडक़ें वाहनों की आवाजाही से धंस रही है। जिससे साफ हो रहा है कि जिम्मेदारों की मिलीभगत से करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है। अन्यथा पूरे शहर के ऐसे हालात न हीं होते। पूरे नियम व शर्तों के अनुसार लाइनें डालने के बाद जगह-जगह से सडक़ें धंसने का सवाल ही नहीं होता।
कई मीटर दूरी में धंसी नंगली सर्किल के पास शहर में नंगली सर्किल से बिजली घर चौराहे के बीच करीब 10 से 15 दिन पहले ही सडक़ बनी है। जो नंगली सर्किल के पास कई मीटर की दूरी में धंस भी गई है। बिना बारिश सडक़ के धंसने का मतलब गुणवत्त्तापरक कार्य नहीं किया गया। चाहे वह नई सडक़ बनाने में हो या पहले सीवरेज लाइन व पानी की लाइन डालने के बाद सडक़ रेस्टोरेशन का कार्य हो।
यहां भी धंसी शहर में भवानीतोप, काला कुआं, राजर्षि कॉलेज के पास सडक़ बनने के बाद कई जगहों से धंसी हैं। यहां भी सडक़ों को दुबारा से ठीक किया गया है। काला कुआं में एेसा कई जगहों पर हुआ है। जिसको लेकर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को कई बार शिकायत भी की है। फिर भी ठेकेदार मनमर्जी से काम करते रहे हैं।
अधिकारी भी मान रहे
पानी व सीवर की लाइनें डालने के बाद सडक़ रेस्टोरेशन का कार्य ढंग से नहीं हुआ। जिसके कारण अब नई सडक़ें धंस रही है। जिसे हम दुबारा से ठीक करा रहे हैं। पानी की लाइन डालने में बड़ी लापरवाही सामने आ रही हैं।
एमएल मीना, अधीक्षण अभियंता, पीडब्ल्यूडी अलवर
पानी व सीवर की लाइनें डालने के बाद सडक़ रेस्टोरेशन का कार्य ढंग से नहीं हुआ। जिसके कारण अब नई सडक़ें धंस रही है। जिसे हम दुबारा से ठीक करा रहे हैं। पानी की लाइन डालने में बड़ी लापरवाही सामने आ रही हैं।
एमएल मीना, अधीक्षण अभियंता, पीडब्ल्यूडी अलवर