इकलौता चिराग बुझा
शाहजहांपुर. स्कूल से पढ़ाई कर अपने घर बस से लौटते वंश की दुर्घटना में हुई मौत की सूचना ने सक्तपुरा के सम्पूर्ण गांव के बाङ्क्षशदों को झकझोर कर रख दिया। ग्रामीण महेश यादव, स्थानीय सरपंच सत्यवीर यादव ने बताया कि मृतक छात्र वंश अपने माता पिता की इकलौती सन्तान था। पिता राकेश उर्फ राजू औद्योगिक इकाई में ठेकेदार श्रमिक के रूप में कार्य कर अपने बच्चे के जीवन को संवारने के प्रयास में सपने संजोकर निजी विद्यालय में पढ़ा रहा था।
बच्चों के बिखरे स्कूली बैग
दुर्घटना स्थल पर बच्चो के स्कूली बैग बिखरे पड़े तो कही रोडवेज बस में सवार घायल सड़क पर ही पड़े रहते परिजनों को दुर्घटना की जानकारी देते दिखे।
1 किमी का घुमाव बचाने के चक्कर में बच्चों की ङ्क्षजदगी लगाई दाव पर
कस्बे में जयपुर-दिल्ली मार्ग पर स्थित स्कूल से बस रवाना होकर सक्तपुरा-बावद बच्चों को छोडऩे जाती रही है। यदि ये ही बस स्कूल से रवाना होकर अपनी दिशा से होकर खण्डोडा पुलिया के नीचे से घुमाकर करीब एक किलो मीटर घुमा कर सही दिशा से सक्तपुरा-बावद जाती तो एक बच्चे की ङ्क्षजदगी बचने के साथ अन्य की नाजुक बनी हालत को बचाया जा सकता था।
दुर्घटना स्थल पर बच्चो के स्कूली बैग बिखरे पड़े तो कही रोडवेज बस में सवार घायल सड़क पर ही पड़े रहते परिजनों को दुर्घटना की जानकारी देते दिखे।
1 किमी का घुमाव बचाने के चक्कर में बच्चों की ङ्क्षजदगी लगाई दाव पर
कस्बे में जयपुर-दिल्ली मार्ग पर स्थित स्कूल से बस रवाना होकर सक्तपुरा-बावद बच्चों को छोडऩे जाती रही है। यदि ये ही बस स्कूल से रवाना होकर अपनी दिशा से होकर खण्डोडा पुलिया के नीचे से घुमाकर करीब एक किलो मीटर घुमा कर सही दिशा से सक्तपुरा-बावद जाती तो एक बच्चे की ङ्क्षजदगी बचने के साथ अन्य की नाजुक बनी हालत को बचाया जा सकता था।
स्कूल प्रबंधन की लापरवाही
निजी स्कूल संचालक नियमों को ताक में रख कर मनमाने तरीके अपनाकर बच्चों की ङ्क्षजदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। शनिवार को एक बच्चे की मौत व 17 बच्चे अपनी जीवन से संघर्ष करने को विवश अस्पताल में भर्ती हैं। कस्बे में संचालित कई निजी स्कूलों में पंजिकृत बाल वाहिनी के उपयोग की बजाय निजी वाहनों को स्कूलों के परिवहन के प्रयोग किया जा रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी में होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने से निजी स्कूल संचालकों के हौंसले बुलंद है। शनिवार को भी दुर्घटनाग्रस्त हुई बस बालवाहिनी की बजाय निजी बस थी।
निजी स्कूल संचालक नियमों को ताक में रख कर मनमाने तरीके अपनाकर बच्चों की ङ्क्षजदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। शनिवार को एक बच्चे की मौत व 17 बच्चे अपनी जीवन से संघर्ष करने को विवश अस्पताल में भर्ती हैं। कस्बे में संचालित कई निजी स्कूलों में पंजिकृत बाल वाहिनी के उपयोग की बजाय निजी वाहनों को स्कूलों के परिवहन के प्रयोग किया जा रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी में होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने से निजी स्कूल संचालकों के हौंसले बुलंद है। शनिवार को भी दुर्घटनाग्रस्त हुई बस बालवाहिनी की बजाय निजी बस थी।
किसी की अंगुली कटी तो किसी के सिर में आई गंभीर चोटें
नन्हे स्कूली बच्चों को अस्पताल पहुंचाते पुलिस कर्मियों, एम्बुलेंस कर्मियों व ग्रामीणों द्वारा किये जा रहे बचाव कार्य के दौरान किसी बच्चे की अंगुली कटी तो किसी के सिर में गंभीर चोटों से लहुलुहान अवस्था में देख कर मौके पर मौजूद प्रत्येक व्यक्ति का दिल हृदय विदारक हो गया।
नन्हे स्कूली बच्चों को अस्पताल पहुंचाते पुलिस कर्मियों, एम्बुलेंस कर्मियों व ग्रामीणों द्वारा किये जा रहे बचाव कार्य के दौरान किसी बच्चे की अंगुली कटी तो किसी के सिर में गंभीर चोटों से लहुलुहान अवस्था में देख कर मौके पर मौजूद प्रत्येक व्यक्ति का दिल हृदय विदारक हो गया।
रोडवेज की सवारियों को भी आई चोटे
टोल सह प्रबंधक अमित यादव के अनुसार स्कूली बस व रोडवेज के बीच हुई भिडन्त में रोडवेज बस की सवारियां अपनी सीटों पर बैठने का प्रयास कर रही थी। इसी बीच स्कूली बस से हुई भिडन्त के तेज झटके से आपस में टकराकर व सीटों से टकराकर करीब आधा दर्जन सवारियों को भी चोटें आई। जिन्हे प्राथमिक उपचार के बाद गंतव्य स्थान के लिए रवाना कर दिया गया।
टोल सह प्रबंधक अमित यादव के अनुसार स्कूली बस व रोडवेज के बीच हुई भिडन्त में रोडवेज बस की सवारियां अपनी सीटों पर बैठने का प्रयास कर रही थी। इसी बीच स्कूली बस से हुई भिडन्त के तेज झटके से आपस में टकराकर व सीटों से टकराकर करीब आधा दर्जन सवारियों को भी चोटें आई। जिन्हे प्राथमिक उपचार के बाद गंतव्य स्थान के लिए रवाना कर दिया गया।
स्कूली बच्चों की बस दुर्घटनाग्रस्त हो जाने की सूचना पर नीमराना डीएसपी महावीरङ्क्षसह शेखावत, थाना प्रभारी विक्रमङ्क्षसह चौधरी, टोल प्रबंधक जावेद कुरैशी, सहप्रबंधक अमित यादव, पीसींईपीएल प्रबंधक अमोद ङ्क्षसह राजपूत, हैडकांस्टेबल नरेश कुमार, चालक कुलदीपङ्क्षसह यादव सहित सीएचसी व दुर्घटना स्थल पहुंच जायजा लिया।
मनमाने ढाबे पर रुकती हैं रोडवेज बसें...
दिल्ली-जयपुर मार्ग की रोडवेज बसें सक्तपुरा-बावद गांव के समीप स्थित दो ढाबों पर चालक व परिचालक खाना खाने के बहाने रुकते हैं। ढाबों पर चालक व परिचालक मुफ्त में खाना खाने व निर्धारित कमीशन की बंधी के फिराक में सवारियों को बेवजय परेशान करते हैं। वहीं ढाबा संचालक भी मनमानी दर पर खाना, नाश्ता सवारियों को बेचने का कार्य करते हैं। हाइवे सर्विस लाइन से गुजरते वाहन अक्सर दुर्घटनाग्रस्त होते रहते है। परन्तु स्थानीय थाना पुलिस या अन्य जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
दिल्ली-जयपुर मार्ग की रोडवेज बसें सक्तपुरा-बावद गांव के समीप स्थित दो ढाबों पर चालक व परिचालक खाना खाने के बहाने रुकते हैं। ढाबों पर चालक व परिचालक मुफ्त में खाना खाने व निर्धारित कमीशन की बंधी के फिराक में सवारियों को बेवजय परेशान करते हैं। वहीं ढाबा संचालक भी मनमानी दर पर खाना, नाश्ता सवारियों को बेचने का कार्य करते हैं। हाइवे सर्विस लाइन से गुजरते वाहन अक्सर दुर्घटनाग्रस्त होते रहते है। परन्तु स्थानीय थाना पुलिस या अन्य जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
पुलिस के इंटरसेफ्टर वाहन कर्मियों ने निभाई मुख्य भूमिका
इंटरसेफ्टर पुलिस जाप्ता हाइवे पर तेज रफ्तार से चलने वाले वाहनों पर पास ही कार्रवाई कर रहा था। अचानक तेज धमाके के साथ हुई भिड़ंत के बाद पलटी स्कूली बच्चों से भरी बस से चीख पुकार सुनकर प्रभारी एएसआई मनमोहनङ्क्षसह मय जाप्ता दुर्घटना स्थल पहुंच बस में फंसे बच्चों को बाहर निकाल अपने वाहन से ही सीएचसी शाहजहांपुर में पहुंचाने के कार्य में जुट कर स्थानीय थाना पुलिस, हाइवे एम्बुलेंस व 108 एम्बुलेंस को सूचना देकर बचाव कार्य में जुटने से कई बच्चों की जान बच गई।
इंटरसेफ्टर पुलिस जाप्ता हाइवे पर तेज रफ्तार से चलने वाले वाहनों पर पास ही कार्रवाई कर रहा था। अचानक तेज धमाके के साथ हुई भिड़ंत के बाद पलटी स्कूली बच्चों से भरी बस से चीख पुकार सुनकर प्रभारी एएसआई मनमोहनङ्क्षसह मय जाप्ता दुर्घटना स्थल पहुंच बस में फंसे बच्चों को बाहर निकाल अपने वाहन से ही सीएचसी शाहजहांपुर में पहुंचाने के कार्य में जुट कर स्थानीय थाना पुलिस, हाइवे एम्बुलेंस व 108 एम्बुलेंस को सूचना देकर बचाव कार्य में जुटने से कई बच्चों की जान बच गई।