” आगे बढ़ना है जिंदगी में तो अडिग होकर चलो, किस्मत को ठोकर मारकर दुनिया से हटकर चलो,
परिपाटी पर तो सभी चलते आए हैं,
कुछ करना है तो जिंदगी में इतिहास पलट कर चलो।
परिपाटी पर तो सभी चलते आए हैं,
कुछ करना है तो जिंदगी में इतिहास पलट कर चलो।
बिना काम के मुकाम कैसा,
बिना मेहनत के दाम कैसा,
जब तक पहुंचा ना सको मंजिल तक,
तब तक रहा में आराम कैसा। अर्जुन जैसा निशाना रखो,
मन में ना कोई बहाना रखो,
लक्ष्य सामने है उसी में ठिकाना रखो।
बिना मेहनत के दाम कैसा,
जब तक पहुंचा ना सको मंजिल तक,
तब तक रहा में आराम कैसा। अर्जुन जैसा निशाना रखो,
मन में ना कोई बहाना रखो,
लक्ष्य सामने है उसी में ठिकाना रखो।
सोचो मत साकार करो,
अपने कर्मों से प्यार करो।।
निश्चय ही मिलेगा मेहनत का फल किसी का इंतजार करो।। जो राह में अकेले चले थे, आज उनके पीछे मेले हैं,
और जो करते रहे किस्मत का इंतजार,
उनकी जिंदगी में आज भी झमेले हैं।।
अपने कर्मों से प्यार करो।।
निश्चय ही मिलेगा मेहनत का फल किसी का इंतजार करो।। जो राह में अकेले चले थे, आज उनके पीछे मेले हैं,
और जो करते रहे किस्मत का इंतजार,
उनकी जिंदगी में आज भी झमेले हैं।।
स्मिता गुप्ता, निवासी, शिवाजी पार्क, अलवर आप भी भेजें अपनी रचनाएं अगर आपको भी लिखने का शौक है तो पत्रिका बनेगा आपके हुनर का मंच। अपनी कविता, रचना अथवा कहानी को मेल आइडी editor.alwar@epatrika.com अथवा मोबाइल नंबर 9057531600 पर भेज दें। इसके आलावा स्कूली बच्चे अपनी चित्रकारी भी भेज सकते हैं। इन सब के साथ अपना नाम, पता, क्लास अथवा पेशा अवश्य लिखें।