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अलवर से एक कविता रोज: आक्रोश’ लेखिका- सीमा गुप्ता अलवर

locationअलवरPublished: Sep 17, 2020 04:59:41 pm

Submitted by:

Lubhavan

चीन, तुम अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हो,अपनी दगाबाजी से खुद ही बोंखला रहे हो,

Alwar Se Ek Kavita Roj- Aakrosh By Seema Gupta

अलवर से एक कविता रोज: आक्रोश’ लेखिका- सीमा गुप्ता अलवर

आक्रोश

चीन, तुम अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हो,
अपनी दगाबाजी से खुद ही बोंखला रहे हो,

कीड़े खाकर नहीं भरा पेट जो इंसानों को खा रहे हो,

मत समझना ! मेरे देश को कमजोर,
देश है वीरों का.. जबाव मिलेगा छाती ठोक,
आत्मनिर्भर भारत से या फिर बायकाट” मेड इन चाइना”..क्या इससे हुई तुम्हें जलन??
बात -बात पर क्यूं उगलते हो इतनी तपन,

गलवान की घाटी हो या पैंगांग की झील,
तेरी सेना खोए होश, मेरे जवान रहते संयम शील,
चीन तू करें हमेशा चोरी, ऊपर से करता सीना जोरी,
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर क्यूं कसता डोरा- डोरी

पैंतालीस साल पहले चली गोली,आज फिर वहीं घटना हो ली,
अगवाकर भारत के नागरिकों को, मुंह से ज़बान नहीं खोले,
और..जब भी बोले झूठ बोले,ग़लत इल्जाम भारत पर ठोके,
अपने ग़लत इरादों से तिलमिलाकर, करता वार पर वार,
अब तो खड़ी हो गई तेरे मेरे देश के बीच नफ़रत की दिवार,

चीन, पाकिस्तान होगा तुम्हें अब हार्ट अटैक,
क्योंकि अब आ गया सुफल राॅफेल!!!

-सीमा गुप्ता (लेखिका)
महल चौक अलवर
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