scriptअलवर से एक कविता रोज: बदलते भारत की तस्वीर दिखाने आया हूं, लेखक- पवन कुमार सैनी अलवर | Alwar Se Ek Kavita Roj: Badalte Bharat Ki Tasveer Dikhane Aya Hu Pawan | Patrika News

अलवर से एक कविता रोज: बदलते भारत की तस्वीर दिखाने आया हूं, लेखक- पवन कुमार सैनी अलवर

locationअलवरPublished: Oct 10, 2020 05:10:26 pm

Submitted by:

Lubhavan

आज बदलते भारत की तस्वीर दिखाने आया हूँरणबांकुरों को गहन स्वप्न से मैं जगाने आया हूँ
बिलख रही है भारत माँ नारी अत्याचारों परबेबस हैं आज पिता कलयुगी दुराचारों पर
बेटी आज महफूज नही महल, किले, दरबारों मेंआजाद घूम रहे हैं कातिल कानूनी गलियारों में

Alwar Se Ek Kavita Roj: Badalte Bharat Ki Tasveer Dikhane Aya Hu Pawan

अलवर से एक कविता रोज: बदलते भारत की तस्वीर दिखाने आया हूं, लेखक- पवन कुमार सैनी अलवर

बदलते भारत की तस्वीर दिखाने आया हूं-

आज बदलते भारत की तस्वीर दिखाने आया हूँ
रणबांकुरों को गहन स्वप्न से मैं जगाने आया हूँ

बिलख रही है भारत माँ नारी अत्याचारों पर
बेबस हैं आज पिता कलयुगी दुराचारों पर
बेटी आज महफूज नही महल, किले, दरबारों में
आजाद घूम रहे हैं कातिल कानूनी गलियारों में

जाति, मजहब, रसूखदारी खूब दिखाई पड़ता है
मानवता के चेहरे पर कालिख दिखाई पड़ता है

बन्द करो कोरे वादे,मजहबी दुकानों के पाकवन
खूब सहा है अब तो रोको माँ, बेटियों का अपमान
—-
पवन कुमार सैनी
शिक्षक एवं साहित्यकार
अलवर

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