अलवर

अलवर से एक कविता रोज: हे बापू! तुम्हारे दिखाए पत्र को भूल गया संसार, लेखिका- गंगा देवी अलवर

हे बापू देख सको तो देख लो
इंसान बन गया है हैवान
बीत गया वह सपना
सादा जीवन और उच्च विचार

अलवरOct 01, 2020 / 08:00 pm

Lubhavan

अलवर से एक कविता रोज: हे बापू! तुम्हारे दिखाए पत्र को भूल गया संसार, लेखिका- गंगा देवी अलवर

हे बापू तुम्हारे दिखाए गए पत्र को भूल गया संसार
हे बापू देख सको तो देख लो

इंसान बन गया है हैवान

बीत गया वह सपना

सादा जीवन और उच्च विचार

अंदर से कुछ और है और बाहर से कुछ और
आदम बन गया है इंसान

नारी का सम्मान नहीं
वन्य जीवो पर दया नहीं

लोभ मोह में भटक गया इंसान

प्रकृति प्रकोप दिखा रही है

मूर्ख प्राणी समझ नहीं रहा

भटक गया है रास्ता
हे बापू सद्बुद्धि दे इंसान को

अच्छा इंसान बनकर

रक्षा करें अपने हिंदुस्तान की

यह मेरी है अभिलाषा

गंगा देवी ,सामाजिक कार्यकर्ता, मनु मार्ग, अलवर


आप भी भेजें अपनी रचनाएं

अगर आपको भी लिखने का शौक है तो पत्रिका बनेगा आपके हुनर का मंच। अपनी कविता, रचना अथवा कहानी को मेल आइडी editor.alwar@epatrika.com अथवा मोबाइल नंबर 9057531600 पर भेज दें। इसके आलावा स्कूली बच्चे अपनी चित्रकारी भी भेज सकते हैं। इन सब के साथ अपना नाम, पता, क्लास अथवा पेशा अवश्य लिखें।

Home / Alwar / अलवर से एक कविता रोज: हे बापू! तुम्हारे दिखाए पत्र को भूल गया संसार, लेखिका- गंगा देवी अलवर

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.