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अलवर जिले में पालिका चुनाव की सरगर्मी तेज, पार्षद से ज्यादा चेयरमैन के जुगाड़ में लगे नेताजी

locationअलवरPublished: Nov 22, 2020 10:59:21 pm

Submitted by:

Lubhavan

अलवर जिले की छह नगर पालिका में चुनाव को लेकर सोमवार से नामांकन है। ऐसे में प्रत्याशियों ने कमर कस ली है।

Alwar Six Nagar Palika Chunav 2020 News

अलवर जिले में पालिका चुनाव की सरगर्मी तेज, पार्षद से ज्यादा चेयरमैन के जुगाड़ में लगे नेताजी

अलवर जिले की छह नगरपालिकाओं में चुनाव 11 दिसम्बर को होने वाला है। चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में सरगर्मी तेज होने लगी है। पार्टी कार्यकर्ता अपने-अपने वार्ड में संपर्क करने लगे हैं। दावेदारी पक्की करने के लिए लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने बड़े नेताओं के सामने परेड कराने की तैयारी की जा रही है। अभी तक किसी भी राजनीतिक दल की ओर से पार्षदों के प्रत्याशियों के संबंध में कोई जानकारी उजागर नहीं की जा रही है। लेकिन चर्चाओं के अनुसार पार्षद से ज्यादा चेयरमैन बनने की होड़ में दौड़ रहे हैं। जिससे बड़े नेताओं के आगे पीछे टिकिट चाहने वालों की भीड़ लग रही है।
बड़े नेताओं के नजदीकी लोग अपनी दावेदारी पक्की ही बता रहे हैं। लेकिन मतदाता ऐसे लोगों का सफाया करने मूड में हैं। कस्बे के मतदाताओं की मानें तो वे बीते दिनों के अनुभव के अनुसार इस चुनाव में करिश्मा दिखाने की तैयारी में बताते हैं। मतदाताओं का रुख क्या रहेगा तो इसका खुलासा तो चुनाव बाद ही पता चलेगा लेकिन इन दिनों होटलों, चौराहों दुकानों सहित गली मोहल्लों में होने वाली चर्चाओं के अनुसार मतदाता अब अपने वोट का अपने कस्बे के फायदे के लिए उपयोग करने की तैयारी में हैं। आमतौर पर हो रही चर्चाओं पर ध्यान दिया जाए तो हर मतदाता सार्वजनिक व्यवस्थाओं के कम अपने आस पास या निजी कार्यों के प्रति अधिक ध्यान दे रहे हैं।
बीते पांच सालों के दौरान पालिका में होने वाले कामकाज की समीक्षा को लेकर हर आम मतदाताओं अपने अपने तरीके से विचार व्यक्त कर रहा है। मतदाताओं का कहना है कि लाखों करोड़ों के कार्य कराए गए हों,लेकिन अगर नागरिकों को निजी काम के लिए परेशान होना पड़ा हो तो करोड़ों के विकास के काम व्यक्तिगत कार्य के मुकाबले ज्यादा असरदार नहीं है। कस्बे में हुई घटनाक्रमों के कारण बदले माहौल का राजनीतिक दलों ने फायदा उठाने का प्रयास किया है। और कस्बे में रही असुविधाओं के कारण लोगो मे रोष भी है। अब कस्बेवासियों के सामने विषय यह है कि कौनसे राजनीतिक दल पर भरोसा किया जाए। जिससे कि आगे उनको परेशानियों का सामना न करना पड़े। इसको लेकर भी मतदाता विचार कर रहे है।
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