विभाग की ओर से मंगलवार को भी शाम 4 बजे से 6 बजे तक का अलर्ट जारी किया गया। इस अवधि में तेज हवाएं जरूर चली और मौसम का मिजाज बदला। नीमराणा में इस दौरान बारिश व हल्के ओले गिरे। वहीं, जिले के अन्य हिस्सों में गनीमत बनी रही। इसके बाद मौसम साफ हो गया और बारिश, अंधड़ व तूफान का भय समाप्त हो गया। गौरतलब है कि दो मई को आए तूफान के अगले दिन मौसम विभाग ने फिर से तूफान व तेज हवाएं चलने का अलर्ट जारी किया था, लेकिन इस दौरान भी विभाग की भविष्यवाणी गलत निकली।
वहीं, दो मई को आए तूफान का विभाग को पता नहीं चला। इसका परिणाम ये रहा कि तूफान में अलवर जिले का विद्युत तंत्र बुरी तरह चरमरा गया। तूफान में करीब दस हजार पोल, कई हजार पेड़ आदि धराशायी हो गए। इस दौरान पेड़ गिरने से जगह-जगह जाम लग गए और 12 लोगों की मौत हो गई।
तीन दिन का अलर्ट था, जो कि सकुशल निकल गया। इस दौरान जिले में मौसम मेहरबान रहा और आंधी-तूफान जैसे कोई हालात नहीं बने। वैसे प्रशासन ने प्राकृतिक आपदा से निपटने की पूरी तैयारी कर ली थी। सभी विभागों को अलर्ट कर दिया गया था।
बीएल रमण, अतिरिक्त जिला कलक्टर द्वितीय अलवर।
बीएल रमण, अतिरिक्त जिला कलक्टर द्वितीय अलवर।