महाराष्ट्र में भी रहती है जिले के नेताओं की मांग
महराष्ट्र की राजनीति में भी राजस्थान का खासा प्रभाव है। मुम्बई व महाराष्ट्र के अन्य क्षेत्रों में बड़ी संख्या में राजस्थानी रहते हैं। राजस्थान के इन्हीं लोगों को अपनी ओर मोडऩे के लिए विभिन्न दल चुनाव के दौरान यहां के नेताओं को बुलाते रहे हैं। वर्तमान में अलवर के शहर विधायक संजय शर्मा समेत कई नेता महाराष्ट्र में प्रचार को गए हैं। सांसद महंत बालकनाथ योगी, पूर्व सांसद डॉ. करणसिंह यादव, बस्तीराम यादव, पूर्व विधायक मामन सिंह यादव, मोहित यादव, बलवान यादव, मनोज यादव, संदीप दायमा, रामकिशन मेघवाल, विधायक मंजीत चौधरी सहित अनेक नेता हरियाणा में चुनाव प्रचार की कमान थामे हैं। इसके अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह हरियाणा तथा महाराष्ट्र और श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली हरियाणा में प्रचार करने जाएंगे।
साठ के दशक से रहा है राजनीति में दखल
अलवर की राजनीति के जानकारी हरिशंकर गोयल ने बताया कि दोनों प्रदेशों की राजनीति में एक-दूसरे का दखल साठ के दशक से है। वर्ष १९६९ में हरियाणा के मुख्यमंत्री बने राव वीरेन्द्र सिंह ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में अपनी हरियाणा विशाल पार्टी से अलवर जिले में बहरोड, बानसूर, तिजारा व मुण्डावर से उम्मीदवार उतारे। इसी तरह हरियाणा के अन्य दलों के नेताओं की भी अलवर व प्रदेश के दूसरे जिलों की राजनीति में खासा दखल रहा है। वर्ष १९७७ के जनता पार्टी शासन के बाद दोनों प्रदेशों में राजनीतिक सम्बन्ध और गहरे हो गए।