यूआईटी ने मिनी सचिवालय के लिए पुराना करीब 40 करोड़ रुपए सरकार से कर्ज लिया हुआ है। अब करीब 9 करोड़ रुपया और लेने की तैयारी है। इसके अलावा करीब 30 करोड़ रुपया पूर्व में बनाए गए पुलों के निर्माण के लिए लिया जा चुका है। 20 करोड़ रुपया यूआईटी भिवाड़ी से कर्ज ले रखा है। जिसका ब्याज सहित कई करोड़ और बढ़ गया है। अब यूआईटी करीब 24 करोड़ रुपया अरावली विहार प्रथम योजना को रहन रखकर कर्ज लेने जा रही है। इस राशि का उपयोग विज्ञान नगर आवासीय योजना के नकद अवार्ड वाले खातेदारों को चुकाने में किया जाएगा। हाल में करीब 16.94 करोड़ रुपया मिनी सचिवालय को और स्वीकृत हुआ है। यह भी कर्ज है। जिसे यूआईटी को आगे चुकता करना है।
1500 करोड़ की प्रॉपर्टी
&यूआईटी के पास करीब 1500 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी है। ये 80 से 100 करोड़ रुपए का कोई बड़ा कर्ज नहीं है। जो आठ से दस साल में चुकता होना है। आगे नई आवासीय योजनाओं में भूखण्ड आएंगे। सामान्य रूप से कामकाज भी अब ऑनलाइन हो रहा है।
कान्हाराम, सचिव, यूआईटी अलवर
1500 करोड़ की प्रॉपर्टी
&यूआईटी के पास करीब 1500 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी है। ये 80 से 100 करोड़ रुपए का कोई बड़ा कर्ज नहीं है। जो आठ से दस साल में चुकता होना है। आगे नई आवासीय योजनाओं में भूखण्ड आएंगे। सामान्य रूप से कामकाज भी अब ऑनलाइन हो रहा है।
कान्हाराम, सचिव, यूआईटी अलवर