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यूआईटी को वीआईपी एरिया की चिंता, गरीबों की सड़क तक नही बनाई

locationअलवरPublished: Jun 29, 2022 08:34:13 pm

Submitted by:

Dharmendra Adlakha

शहर में यूआईटी का पूरा ध्यान मिनी सचिवालय जैसे बड़े प्रोजेक्ट की ओर है। नगर परिषद का बजट पास नहीं होने से अलवर में कई कॉलोनियों में बरसों से सड़कें ही नहीं बनी है। कई कृषि क्षेत्र में बसी कॉलोनियों के लोगों ने पट्टे ले लिए लेकिन उन कॉलोनियों का विकास नहीं हुआ है। शहर के अग्रेसन सर्किल से आगे वाले तिजारा फाटक के आगे और जय मार्ग रेलवे ओवर ब्रिज पार क्षेत्र के हालात बिना विकास के बदतर हो रहे हैं।

यूआईटी को वीआईपी एरिया की चिंता, गरीबों की सड़क तक नही बनाई

यूआईटी को वीआईपी एरिया की चिंता, गरीबों की सड़क तक नही बनाई

धर्मेन्द्र अदलक्खा

अलवर.

शहर में यूआईटी का पूरा ध्यान मिनी सचिवालय जैसे बड़े प्रोजेक्ट की ओर है। नगर परिषद का बजट पास नहीं होने से अलवर में कई कॉलोनियों में बरसों से सड़कें ही नहीं बनी है। कई कृषि क्षेत्र में बसी कॉलोनियों के लोगों ने पट्टे ले लिए लेकिन उन कॉलोनियों का विकास नहीं हुआ है। शहर के अग्रेसन सर्किल से आगे वाले तिजारा फाटक के आगे और जय मार्ग रेलवे ओवर ब्रिज पार क्षेत्र के हालात बिना विकास के बदतर हो रहे हैं।
अलवर शहर के रेलवे ओवर ब्रिज पार ऐसी बहुत सी कॉलोनियां हैं जिनमें सड़कें तक नहीं हैं। इन कॉलोनियों के लोगों ने पट्टे इस आस में लिए कि अब यहां विकास कार्य होंगे लेकिन यूआईटी ने इन पर पहले अपना बजट नहीं दिया तो नगर परिषद ने इनकी कोई सुध तक नहीं ली।
यूआईटी के बजट पर एक नजर-

यूआईटी ने अभी हाल ही में अपना बजट पेश किया है जिसमें न्यास की स्वीकृत कॉलोनियों में 7 हजार 120 लाख रुपए व्यय का प्रावधान रखा गया है। इस व्यय में सड़क व नाली निर्माण, पार्क विकास, विद्युत मद, पेवरीकरण, सीवरेज, नए क्वार्टर, आफिस निर्माण कार्य तथा सर्वे डिमार्केशन करना मुख्य है।
दूसरी तरफ गैर योजना क्षेत्र में यूआईटी ने कुल 4 हजार 782 लाख रुपए बजट का प्रावधान रखा है।इसमें कंपनी बाग में भूमिगत पार्किंग पर एक हजार लाख, वाटर हार्वेस्टिंग पर 300 लाख तथा शहरी रोजगार योजना पर 100 लाख का प्रावधान है। गैर योजना में अन्य विभागों के कायोर्ं पर ही 210 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे।इसी प्रकार मिनी सचिवालय पर 434 लाख रुपए खर्च होंगे।इसमें नाला व नाली निर्माण पर भी खर्च किया जाएगा।
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50 कॉलोनियों की सड़कें चलने लायक नहीं-

अलवर शहर में ऐसी कई कॉलोनियां हैं जिनमें रहने वाले लोगों ने मकान के पट्टे तक ले लिए लेकिन उनमें अभी तक सड़कें व नालियां भी सही ढंग से नहीं बनी हैं। इस बारे में एक जागरुक पार्षद हेतराम यादव कहते हैं कि कम से कम 50 ऐसी कॉलोनियां हैं जिनके लोगों ने पटटे ले लिए लेकिन वहां मूलभूत सुविधाएं तक नहीं है। यह काम नगर विकास न्यास करें या नगर परिषद , यह प्रशासन का काम है। शहर से बाहर निकलते ही किसी भी सड़क मार्गों पर चले जाइए, कई कॉलोनियों की हालत बदतर है।
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वषोर्ं से कुछ सड़कों को ही चमका रहे-

यूआईटी बरसों से एक विशेष एरिया की सड़कों को ही चमका रहे हैं जबकि इनका इलाका पूरा अलवर शहर है। बहुत सी कॉलोनियों में एक पत्थर तक नहीं लगा है। अलवर में गौरव पथ, नेहरू पार्क के समीपवर्ती क्षेत्र सहित कुछ इलाकों की सड़कों बार-बार बनती हैं लेकिन जरूरतमंदों को सड़क तक नसीब नहीं हो रही है।
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अब बनाएंगे सीसी सड़कें-

हमनें जिन कॉलोनियों में पट्टे दिए हैं, उन कॉलोनियों की सूची बनाकर उनमें विकास कार्य करवाएंगे। इस बार बजट में प्रावधान दिया है। हमें कहां विकास करना है, उसकी तैयारी कर रहे हैं।
-डॉ. मंजू, सचिव, नगर विकास न्यास, अलवर।-एक ही सड़क पर करोड़ों खर्च, यहां नाली भी नहीं-अलवर शहर में मोती डूंगरी से भवानी तोप सड़क मार्ग के विकास कार्यों पर खर्च किए गए जबकि शहर में ऐसी बहुत सी कॉलोनियां हैं जिनमें नाली नहीं होने से सड़कों पर पानी बह रहा है।
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