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अलवर शहर के विकास पर यूआईटी करेगी 263 करोड़ रुपए खर्च, पौधरोपण पर जोर, पिछले साल के मुकाबले बढ़ाया बजट

यूआईटी ट्रस्ट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। अलवर शहर को ग्रीन सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा।

अलवरJun 24, 2021 / 11:01 am

Lubhavan

अलवर शहर के विकास पर यूआईटी करेगी 263 करोड़ रुपए खर्च, पौधरोपण पर जोर, पिछले साल के मुकाबले बढ़ाया बजट

अलवर. यूआईटी अलवर शहर के विकास पर एक वर्ष में 263 करोड़ खर्च करेगी। यूआईटी की उम्मीद इस अवधि में कई नई कॉलोनियों में आवासीय भूखंड की बिक्री से आय बढऩे की है।
यूआईटी का वार्षिक बजट बुधवार को अलवर यूआईटी ट्रस्ट की बैठक में पास किया गया है। इसमें कई प्रस्तावों को भी हरी झंडी दी है जिसमें लाल डिग्गी व सर्किट हाउस का विकास तथा पार्कों को विकसित करना मुख्य है।
बैठक में नगर विकास न्यास के वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 के आय के आय-व्यय के अनुमान प्रस्तुत किए गए जिसमें वर्ष 2020-21 में न्यास की वास्तविक आय 10902.56 लाख रुपए तथा वास्तविक व्यय 8398.20 लाख रुपए रही। इसके साथ ही वर्ष 2021-22 के आय अनुमानों में प्राप्तियां 26347 लाख रुपए के विरूद्ध 26347 लाख रुपए व्यय का प्रावधान रखा गया है। न्यास की वर्ष 2020-21 में वास्तविक आय 10902.56 लाख हुई। इसमें व्यय 8398.20 लाख रुपए हुए।
आय अनुमानों में प्राप्तियां 26347.00 लाख रुपए के विरुद्ध 26347.00 लाख के व्यय के प्रावधान को स्वीकृति प्रदान की गई।
ग्रीन सिटी के रूप में विकसित होगा अलवर-

अलवर शहर में इस वर्ष बरसात में नगर विकास न्यास बड़े स्तर पर पौधरोपण अभियान चलाएगी। इसके लिए अलवर यूआईटी एक करोड़ 66 लाख रुपए व्यय करेगी। इसके साथ ही अलवर में बहुत सी सामाजिक संस्थाएं, व्यक्ति और ग्रुप इस मुहिम में आगे आ रहे है। अलवर यूआईटी ने यह निर्णय ट्रस्ट की बैठक में किया गया। बैठक की अध्यक्षता यूआईटी चेयरमैन व जिला कलक्टर नन्नू मल पहाडिय़ा ने की। अलवर शहर की प्रत्येक कॉलोनी व सडक़ पर पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा। इसी प्रकार राजस्थान पत्रिका का हरियालो राजस्थान अभियान सामथ्र्य फाउंडेशन, नेक कमाई, विजन संस्थान व पहल संस्था सहित दो दर्जन संस्थाएं चलाएंगी।
यूआईटी सचिव अर्तिका शुक्ला ने बताया कि यूआईटी की शालीमार व विज्ञान नगर सहित कई आवासीय कॉलोनियों में अच्छे तरीके से पौधरोपण किया जाएगा। इसके अलावा डिवाइडर का विकास करते हुए पौधे लगाए जाएंगे। इस पर 166. 43 लाख रुपए खर्च किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
इस बार बजट की रकम बढ़ी-

अलवर यूआईटी का पिछले साल 185 करोड़ रुपए का बजट था। जो इस बार बढ़ाकर 263 करोड़ रुपए कर दिया है। यूआईटी की आय का सबसे बड़ा स्रोत भूखण्ड हैं जिनकी बिक्री से यूआईटी का राजस्व मिलता है। अलवर यूआईटी के पास शालीमार व विज्ञान नगर सहित कई आवासीय योजनाएं हैं। जिनके भूखण्ड से यूआईटी को मोटी आय की उम्मीद है।
लाल डिग्गी का विकास होगा –

बैठक में शहर में लाल डिग्गी के विकास को लेकर काफी देर तक चर्चा की गई। इसके लिए जरूरी बजट खर्च होगा ताकि शहर की जीवन रेखा के रूप में लाल डिग्गी को खड़ा किया जा सके। जिसके लिए काफी कार्य कराने की जरूरत है। लाल डिग्गी को बीओटी के आधार पर विकसित किया जाएगा। पहले नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन अजय अग्रवाल के कार्यकाल में लाल डिग्गी को विकसित करने की योजना बनाई गई जो धरातल पर ही नहीं आई।
बैठक में यह भी निर्ण हुए :

– न्यू तेज काम्प्लेक्स की बेसमेंट पार्र्किंग रख-रखाव के लिए नगर परिषद को दी जाएगी।
-अलवर शहर को जोन सी, डी और ई में बांटा जाएगा।
– न्यास की आवासीय योजना अरावली विहार में बिजली कनेक्शन पर 29 लाख खर्च होंगे।
ट्रस्ट की बैठक में वरिष्ठ लेखाधिकारी फैली राम मीणा, विशेषाधिकारी जितेन्द्र सिंह नरुका, मुख्य अभियंता पी. के जैन, उप नगर नियोजक लक्ष्मण सिंह राठौड़, नगर परिषद आयुक्त सोहन सिंह नरुका, विद्युत निगम से अधीक्षण अभियंता राज सिंह यादव आदि कई विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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