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अब इस मामले में फंसे राजस्थान के सबसे बड़े बैंक घोटालेबाज, इस तरह कसा शिकंजा

locationअलवरPublished: Jul 18, 2018 09:41:20 am

Submitted by:

Prem Pathak

नोटबंदी के समय बैंक घोटाला कर सुर्खियों में आए घोटालेबाज अब नए मामले में फंसे हैं।

Alwar urban bank scam culprits name in money laundering case

अब इस मामले में फंसे राजस्थान के सबसे बड़े बैंक घोटालेबाज, इस तरह कसा शिकंजा

अलवर. नोटबंदी के समय अलवर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक अलवर में पकड़े गए 16 करोड़ रुपए के घोटाले के मुख्य अरोपी अभिषेक जोशी व अशोक जोशी सहित अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉड्रिंग एक्ट में अभियान दर्ज किया है।
उल्लेखनीय कि है कि नवम्बर 2016 में अलवर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक अलवर में की करीब एक करोड़ रुपए की खेप अलवर से दिल्ली ले जाते समय पकड़ी गई थी जिसके बाद बैंक में करीब 16 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया। बाद में इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई, एसओजी, रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया, सहकारिता विभाग, पुलिस व अन्य एजेंसियों ने की। अब प्रवर्तन निदेशालय ने अभिषेक जोशी व अशेाक जोशी सहित अन्य के खिलाफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत अभियोजन दर्ज कर लिया है।
पकड़ी राशि मांग रहा निदेशालय

प्रवर्तन निदेशालय अलवर पुलिस से नोटबंदी के समय नकद पकड़ी गई राशि निदेशालय को भेजने को लेकर पत्र व्यवहार कर रहा है। पुलिस पहले ही मामले में चार्जशीट पेश कर राशि राजकीय कोष में जमा करा चुकी है जिसके कारण पुलिस ने अभी तक इस राशि को निदेशालय को नहीं भेजी है। इससे जुड़े मामलों की सुनवाई न्यायालय में भी चल रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि न्यायालय के आदेशों की पालना की जाएगी। अभी राशि ईडी को भेजने को लेकर कोई स्पष्ट आदेश नहीं मिले हैं। इससे पहले यह राशि अलवर अबरन को-ऑपरेटिव बैंक भी मांग चुका है ताकि उपभोक्ताओं को उनकी जमा राशि लौटाई जा सके।
बघेरे के शिकार के आरोपियों को सजा सुनाई

अलवर. न्यायालय एसीजेएम नं. एक ने मंगलवार को सरिस्का बाघ परियोजना अजबगढ़ रेंज के बघेरे के शिकार मामले में दो शिकारी फूल्या पुत्र भागीरथ निवासी गुवाड़ा मुगली व जीवनदास पुत्र श्योवंद कालबेलिया निवासी नामुण्डा को पांच- पांच वर्ष की सजा व 50-50 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। प्रकरण के अनुसार 9 अक्टूबर 2005 में आरोपी फूल्या ने खुलासा किया कि करीब 2002 में सिलीबावड़ी बीट में एक बघेरे का शिकार किया। बाद में बघेरे की खाल थानागाजी निवासी हीरालाल खटीक को बेच दी। प्रकरण में हीरालाल खटीक को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपी हीरालाल ने बघेरे की खाल को जीवनदास को बेचना बताया। प्रकरण में आरोपी फूल्या व हीरालाल खटीक को गिरफ्तार कर परिवाद न्यायालय में पेश किया गया। आरोपी जीवनदास को गिरफ्तार कर परिवाद न्यायालय में पेश किया। आरोपी जीवनदास पूर्व से ही जेल में बंद है।
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