पकड़ी राशि मांग रहा निदेशालय प्रवर्तन निदेशालय अलवर पुलिस से नोटबंदी के समय नकद पकड़ी गई राशि निदेशालय को भेजने को लेकर पत्र व्यवहार कर रहा है। पुलिस पहले ही मामले में चार्जशीट पेश कर राशि राजकीय कोष में जमा करा चुकी है जिसके कारण पुलिस ने अभी तक इस राशि को निदेशालय को नहीं भेजी है। इससे जुड़े मामलों की सुनवाई न्यायालय में भी चल रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि न्यायालय के आदेशों की पालना की जाएगी। अभी राशि ईडी को भेजने को लेकर कोई स्पष्ट आदेश नहीं मिले हैं। इससे पहले यह राशि अलवर अबरन को-ऑपरेटिव बैंक भी मांग चुका है ताकि उपभोक्ताओं को उनकी जमा राशि लौटाई जा सके।
बघेरे के शिकार के आरोपियों को सजा सुनाई अलवर. न्यायालय एसीजेएम नं. एक ने मंगलवार को सरिस्का बाघ परियोजना अजबगढ़ रेंज के बघेरे के शिकार मामले में दो शिकारी फूल्या पुत्र भागीरथ निवासी गुवाड़ा मुगली व जीवनदास पुत्र श्योवंद कालबेलिया निवासी नामुण्डा को पांच- पांच वर्ष की सजा व 50-50 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। प्रकरण के अनुसार 9 अक्टूबर 2005 में आरोपी फूल्या ने खुलासा किया कि करीब 2002 में सिलीबावड़ी बीट में एक बघेरे का शिकार किया। बाद में बघेरे की खाल थानागाजी निवासी हीरालाल खटीक को बेच दी। प्रकरण में हीरालाल खटीक को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपी हीरालाल ने बघेरे की खाल को जीवनदास को बेचना बताया। प्रकरण में आरोपी फूल्या व हीरालाल खटीक को गिरफ्तार कर परिवाद न्यायालय में पेश किया गया। आरोपी जीवनदास को गिरफ्तार कर परिवाद न्यायालय में पेश किया। आरोपी जीवनदास पूर्व से ही जेल में बंद है।