scriptअलवर में पानी की भारी संकट, अब रिश्तों में आई दरार, बेटियां नहीं आई पीहर, बहू भी नहीं गई मायके | Alwar Water Problem Increasing Day By Day | Patrika News

अलवर में पानी की भारी संकट, अब रिश्तों में आई दरार, बेटियां नहीं आई पीहर, बहू भी नहीं गई मायके

locationअलवरPublished: Jun 11, 2019 05:30:45 pm

Submitted by:

Hiren Joshi

अलवर में पानी की समस्या से लोग परेशान हो रहे हैं।

Alwar Water Problem Increasing Day By Day

अलवर में पानी की भारी संकट, अब रिश्तों में आई दरार, बेटियां नहीं आई पीहर, बहू भी नहीं गई मायके

अलवर. अलवर शहर में गहराता पेयजल संकट अब रिश्तों में भी दरार डालने लगा है। इसके चलते पधारो म्हारे देश की परंपरा अब सिमटने सी लगी है। मेहमान बुलाना परिवार के लिए भार बन गया है। पानी की कमी के चलते एक परिवार की पूर्ति नहीं हो पा रही है, ऐसे में रिश्तेदार आ जाएं तो एक दिन निकालना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में लोग रिश्तेदारों व नातेदारों को बुलाने से हिचकने लगे हैं।
पानी की कमी के चलते बेटियंा अपने पीहर से दूर होने लगी हैं, वहीं बहुओं का गर्मी की छुट्टियों में बच्चों के साथ मायके का सपना टूटने लगा है। कभी गर्मियों की छुटटी में घरों में बच्चों की चहल पहल दिखाई देती थी, महीने भर तक बेटियां अपने पीहर में ही छुटिटयां गुजारती थी, लेकिन अब परिवार में बेटियों को बुलाने से लोग कतराने से लगे हैं। इसका मुख्य कारण है शहर के अधिकतर हिस्सों में पानी की पर्याप्त सप्लाई नहीं होना। अब तो हालत यह हो गई है कि पानी के उपयोग को लेकर आए दिन सास बहू में तकरार सुनाई पडऩे लगी है, वहीं देवरानी जेठावी व ननद भाभी के रिश्ते भी दरकने लगे हैं। राजस्थान पत्रिका ने शहर के उन लोगों से बात की जो पानी की कमी से जूझ रहे हैं और इस बार बेटियों को अपने घर बुलाने से ही कतरा रहे हैं।
मेरी बेटी कोटा रहती है, हर बार छुटिटयों में घर आती है, लेकिन इस बार उसे नहीं बुलाया, वह आएगी तो पानी का खर्चा दोगुना बढ़ जाएगा। हमारे यहां मात्र 15 मिनट पानी आता है, आसपास की बोरिंगों से जरूरत का पानी लाते हैं। गर्मी भी बहुत ज्यादा है। बेटी बहुत दिनों से आने की जिद कर रही है मैंने उसे मना कर दिया।
मुन्नी देवी, साठ फीट रोड
गर्मी में बेटी और नाते नातियों के आने का इंतजार रहता है, इससे पहले छुटिटयां नहीं मिलती। लेकिन इस बार पानी की किल्लत बहुत ज्यादा है, टैंकरों से पूर्ति करनी पड़ रही है। बेटी और बच्चे आएंगे तो पानी का खर्च और बढ़ जाएगा, इसलिए इस बार किसी को नहीं बुलाया। गर्मियों की छुट्टियों में घर पूरा खाली पड़ा हुआ है।
फूलवती देवी, काला कुआं
पहले मैं भी पीहर जाती थी, लेकिन अब पानी की कमी ने मुझे रोका हुआ है, अलवर में ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान में पानी की कमी हो रही है। पानी था तो सबको बुलाना अच्छा लगता है, लेकिन अब तो न कहीं आने का मन करता है और न ही जाने का। कोशिश रहती है कि पानी कम से कम खर्च करुं।
प्रीति अग्रवाल, अट्टा मंदिर के पास
मैंने अपने जमाने में पानी खूब बहते हुए देखा है, ऐसी मारामारी तो कभी नहीं देखी। पानी से हमारी ही पूर्ति नहंीं हो रही है, मेहमानों को पानी कहां से लाए। सारा दिन पानी का इंतजार करते हुए ही निकल जाता है। छुटिटयां बितान मेहमान आए थे, लेकिन पानी की कमी को देखते हुए अपने आप ही चले गए।
नरेंद्रपाल खुराना, साउथ वेस्ट ब्लॉक
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो