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राजस्थान की इस जेल में बंद है आनंदपाल और पपला गुर्जर के गुर्गे, जेल की सुरक्षा को है बड़ा खतरा

Anandpal And Papla Gujjar : जिस जेल में आनंदपाल और पपला गुर्जर के गुर्गे बंद है, वहां की सुरक्षा खतरे में है।

अलवरOct 07, 2019 / 12:39 pm

Lubhavan

राजस्थान की इस जेल में बंद है आनंदपाल और पपला गुर्जर के गुर्गे, जेल की सुरक्षा को है बड़ा खतरा

अलवर. Anandpal And Papla Gujjar : राजस्थान और हरियाणा के दो बड़े गैंगस्टर, आनंदपाल ( Anandpal ) और ( Papla Gujjar ) पपला गुर्जर। ( AnandPal Gang ) आनंदपाल ने पहले पुलिस को खूब छकाया, अब पपला गुर्जर ( Papla Gujjar ) राजस्थान पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। लेकिन इनके गुर्गे जेल में बंद है। जिस जेल में इन दोनों गैग्स्टरों के गुर्गे बंद हैं, वहां की सुरक्षा अब खतरे में है। सेंट्रल जेल अलवर और उप जेल बहरोड़ की सुरक्षा खतरे में हैं। सेंट्रल जेल की दीवार कॉलोनी से सटी और बहरोड़ उप जेल के निकट एक कई मंजिला मकान बना हुआ है। दोनों जेलों में कई कुख्यात अपराधी बंद हैं फिर भी जेल प्रशासन सुरक्षा इंतजामों के प्रति लापरवाह है। अलवर सेंट्रल जेल में बंदियों की क्षमता को देखते हुए कुछ साल पहले नए बैरक बनाए गए। जिनकी पिछली दीवार स्कीम-10 कॉलोनी से सटी हुई है।
इन बैरकों में करीब 400 से ज्यादा बंदी बंद हैं। कॉलोनी में घुसकर दीवार के पीछे से बदमाश जेल में बंद अपने साथी बदमाशों को मोबाइल व अन्य सामान फेंक जाते हैं। हाल ही एक युवक को जेल में मोबाइल फेंकने के प्रयास में आरएसी के जवानों ने पकड़ा था। वहीं, बहरोड़ उप जेल के निकट भी एक कई मंजिला मकान है। इस कारण इन दोनों जेलों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है, लेकिन इसके बावजूद जेल प्रशासन ने कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं किए हुए हैं।
कई कुख्यात बंद

अलवर सेंट्रल जेल और बहरोड़ उप जेल में पपला और आनंदपाल गिरोह के कुख्यात बदमाश बंद हैं। इसके अलावा अन्य कई गिरोह के भी कुख्यात अपराधी बंद हैं। जिनकी सुरक्षा के लिए जेलों में कड़े सुरक्षा इंतजामों की सख्त आवश्यकता है।
न वाच टावर और न ही दीवार ऊंची

अलवर सेंट्रल जेल और बहरोड़ जेल की इस समस्या से जेल प्रशासन बखूबी परिचित है, लेकिन इसके बावजूद सुरक्षा के लिए इन जेलों में न तो वाच टावर लगाए हुए हैं और न ही दीवार को ऊंचा कराया जा रहा है।
प्रस्ताव भिजवा रहे हैं

सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए जेलों में वाच टावर लगाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय को भिजवाया जा रहा है। जल्द ही यहां सुरक्षा के लिए वाच टावर लगा दिए जाएंगे।
राजेन्द्र कुमार, जेल अधीक्षक, अलवर।
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