जेल सूत्रों के मुताबिक सुभाष मूंड कुख्यात अपराधी है, जो आनंदपाल का राइट हैंड था। मंूड ने 26 जनवरी 2015 को सीकर जेल में पिस्टल मंगाकर अपने विरोधी गैंग के सरगना राजू ठेहट पर फायरिंग की थी। पर्वतसर से आनंदपाल के साथ फरार होने में भी सुभाष मूंड और श्रीवल्लभ साथ थे। पुलिस ने इस घटना के करीब एक साल बाद मंूड को पकड़ लिया था। सूत्रों के अनुसार आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद से गैंग की कमान सुभाष मूंड ने संभाल ली है। वह जेल अंदर बैठकर ही बाहर गैंग को ऑपरेट कर रहा है। जेल से बाहर उसके काफी गुर्गे हैं जो उसके लिए काम करते हैं। सीकर में अगस्त-2017 में पूर्व सरपंच सरदार राव की हत्या हुई थी। जिसमें मुख्य आरोपित सुभाष मूंड है। मूंड ने सीकर जेल के भीतर से साजिश रचकर हरियाणा के लारेंस बिश्नोई और सम्पत नेहरा गैंग से हत्या की वारदात को अंजाम दिलाया था। पिछले दिनों सीकर में एक फायरिंग की वारदात हुई थी। जिसमें भी सुभाष मूंड नामजद है। इसके बाद ही मूंड को सीकर से अलवर जेल में शिफ्ट किया गया। अलवर जेल में बैठकर बाहर गैंग ऑपरेट करने के संदेह के आधार पर मंगलवार रात जेल प्रशासन व पुलिस अधिकारियों की टीम सबसे पहले सीधे सुभाष मूंड के बैरक में पहुंची। वहां पुलिस अधिकारी और जवानों ने पूरे बैरक और मूंड की सघन तलाशी ली, लेकिन उन्हें वहां कुछ नहीं मिला।
सभी साधारण की-पैड मोबाइल तलाशी के दौरान बंदी कुम्हेर निवासी योगेश उर्फ योगी से दो मोबाइल, तिजारा निवासी अनूप सिंह से एक और बीकानेर निवासी आशुराम मेघवाल के कब्जे से एक मोबाइल बरामद हुआ। इसके अलावा पांच मोबाइल लावारिस मिले। ये सभी मोबाइल साधारण की-पैड मोबाइल हैं।