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अपना अलवर-अपनी संस्कृति में साकार हुई विरासत, बच्चों ने जानी अलवर की संस्कृति

locationअलवरPublished: Jul 04, 2019 10:10:12 am

Submitted by:

Hiren Joshi

Apna Alwar Apni Sanskriti : राजस्थान पत्रिका की ओर से अपना अलवर-अपनी संस्कृति प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

Apna Alwar Apni Sanskriti Competition In Alwar

अपना अलवर-अपनी संस्कृति में साकार हुई विरासत, बच्चों ने जानी अलवर की संस्कृति

अलवर. राजस्थान पत्रिका की ओर से एवं जगन्नाथ मेला कमेटी के सहयोग से बीएल पब्लिक स्कूल में बुधवार को हुई अपना अलवर- अपनी संस्कृति प्रतियोगिता में अलवर की पुरातन व समृद्ध विरासत साकार हो गई। यहां बच्चों ने अलवर की संस्कृति से ओत-प्रोत भाषण दिए और मंच पर भगवान जगन्नाथ व हनुमान चालीसा पर आधारिक नृत्य प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों की ओर से मां सरस्वती की प्रतिमा के आगे द्वीप प्रज्वलन से हुई । इनमें मुख्य अतिथि जिला प्रमुख रेखा राजू यादव, कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा, कांग्रेस के जिला महासचिव गोपी शर्मा, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी मुकेश किराड़, बीएल पब्लिक स्कूल के संस्थापक जीआर बिल्खा, जगन्नाथ मेला कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा, शिक्षाविद रविकांत शर्मा, कमलेश कुमार सैन व रामावतार पंडित थे। इस अवसर पर बच्चों ने भगवान जगन्नाथ, भगवान शिव और हनुमान चालीसा पर आधारिक नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी जिसे खूब सराहा गया। कार्यक्रम में स्कूल निदेशक सुनील बिल्खा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। प्रिंसीपल सुमन बिल्खा ने आभार जताया। मंच संचालन धर्मवीर पाराशर ने किया।
अतिथियों का स्वागत रमेश चंद यादव, कंचन शर्मा, आरती यादव, संगीता मेहंदीरत्ता, साक्षी विजय, देवी सिंह गौड़ ने किया। इस अवसर पर छात्रा ईशारवी सिंह और मुदित यादव ने अलवर की संस्कृति पर अपनी सारगर्भित बात रखी। राजस्थान पत्रिका अलवर के सम्पादकीय प्रभारी हीरेन जोशी ने पत्रिका के अभियान की जानकारी दी और अलवर की संस्कृति की विशेषताएं बताई।
मातृ भूमि का ऋण उतारना होगा
कार्यक्रम में कांग्रेस के महासचिव गोपी चंद शर्मा ने कहा कि हर इंसान को अपने माता-पिता की सेवा करनी चाहिए। उसका अपनी मातृ भूमि के प्रति भी ऋण है जिसे उतारना चाहिए। ऐसे कार्यक्रमों में युवा पीढ़ी में सुंस्कार विकसित होते हैं। वर्तमान में युवा पीढ़ी का परिवार पत्नी और बच्चों तक ही सीमित हो गया है जबकि परिवार में घर, परिवार और पूरा समाज ही नहीं अपनी मातृभूमि भी है।
जगन्नाथ महोत्सव में अलवरवासी आमंत्रित

कार्यक्रम में जगन्नाथ मंदिर के मुख्य महंत देवेन्द्र शर्मा ने कहा कि अलवर की पहचान भगवान जगन्नाथ से है। भगवान जगन्नाथ महोत्सव के बारे में बच्चे भी पत्रिका के इस आयोजन से जानने लगे हैं। स्कूली शिक्षा से ही बच्चों में ऐसे संस्कार विकसित किए जाने की आवश्यकता है। इस कार्य को राजस्थान पत्रिका बेहतर तरीके से कर रहा है। इस अवसर पर शिक्षाविद् रामावतार पंडित ने कहा कि अलवर जीवंत शहर है जिसमें अपराध कम हो, इसके लिए युवा पीढ़ी को धार्मिक व सांस्कृतिक
सैकड़ों बच्चों की भागीदारी

बीएल पब्लिक स्कूल मे हुई अपना अलवर अपनी संस्कृति में विभिन्न स्कूलों में एक हजार से अधिक विद्यार्थी प्रतियोगिता में शामिल हुए। इस प्रतियोगिता के विजेताओं को जगन्नाथ मेले के अवसर पर मेला कमेटी और बीएल पब्लिक स्कूल की ओर से सम्मानित किया जाएगा।
संस्कृति को युवा पीढ़ी तक पहुंचाएं

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रेखा राजू यादव ने कहा कि राजस्थान पत्रिका की ओर से प्रारम्भ किया गया यह कार्यक्रम पूरे जिले में लोकप्रिय हो रहा है इससे बच्चों को अपनी मूल संस्कृति का ज्ञान होता है। इस समय सबसे बड़ी आवश्यकता युवा पीढ़ी को अपनी मूल संस्कृति से जोडऩे की है। अलवर में भर्तृहरि की तपोभूमि है जिसकी पहचान तो अपराधों से हो रही है जबकि इसकी पहचान तो यहां की समृद्ध ऐतिहासिक धरोहर से होनी चाहिए। युवा पीढ़ी को व्यसनों से दूर रखना होगा। पत्रिका की इस मुहिम से युवा पीढ़ी तक अच्छा संदेश जाएगा।
अभिभावकों को आगे आना होगा

का र्यक्रम में कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा ने कहा कि अलवर जिले की सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने में जगन्नाथ मेले की बड़ी भूमिका है। इस मेले में दो वर्षों से पत्रिका ने प्रतियोगिता कराकर इसे ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। वर्तमान में सुंस्कार विकसित करने में अभिभावकों की भी
भूमिका है जिन्हें बच्चों में सुसंस्कार विकसित करने होंगे।

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