एशियाई खेलों में भारतीय निशानेबाजों का बेहतरीन प्रदर्शन का क्रम जारी है। 10 मीटर एयर पिस्टल निशानेबाज सौरभ चौधरी ने उम्दा प्रदर्शन कर भारत के लिए एक और स्वर्ण पदक दिलाया। सौरभ मूलत: मेरठ के कलीना गांव के रहने वाले हैं और किसान बृजमोहन चौधरी के पुत्र हैं।
दो भाइयों में बड़े भाई नितिन खेती करते हैं। सौरभ अलवर के साई हॉस्टल पर डे बोर्डिंग में रहकर अभ्यास कर रहा थे। वह शहर के स्कीम नं. आठ में कोच कुलदीप के साथ ही फ्लैट में रह रहे हैं। कोच का कहना है कि अलवर में शूटिंग रेंज होना ही उसकी उपलब्धि का सबसे बड़ा श्रेय है। जहां सौरभ को अभ्यास करने का अवसर मिल सका।
Saurabh Chaudhary Practised In Alwar For Gold Medal” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2018/08/22/3_2_3291136-m.jpg”>कई सालों से अलवर के साईं सेंटर में ले रहे प्रशिक्षण सौरभ पिछले कई सालों से अलवर के इंदिरा गांधी स्टेडियम स्थित स्पोट्र्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (साई) के ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग ले रहे हैं। सौरभ ने 18 वें एशियाई खेलों में 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतिस्पद्र्धा में कुल 240.7 अंक हासिल कर गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने परिपक्वता और संयम का परिचय देते हुए वर्ष 2010 के विश्व चैम्पियन जापान के तोमोयुकी मत्सुदा को 24 शाट के फाइनल में हराया। वे गोल्ड मेडल जीतने के साथ ही एशियाई खेलों के इतिहास में स्वर्ण जीतने वाले भारत के पांचवें निशानेबाज बन गए हैं। वे पहली बार सीनियर स्तर पर खेल रहे हैं। सौरभ फिलहाल 11 वीं कक्षा के छात्र हैं। चौधरी ने कुछ महीने पहले जर्मनी में जूनियर विश्व कप में रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था।
12 साल की उम्र में की थी शुरुआत सौरभ चौधरी ने 12 साल की उम्र से ही निशानेबाजी की शुरुआत कर दी थी। उन्होंने सबसे पहले बागपत स्थित वीर शाहमल राइफल क्लब से अपने कॅरियर की शुरूआत की । उनके पहले कोच अमित श्योराण हैं। साई सेंटर के उनके कोच कुलदीप सिंह ने बताया सौरभ काफी मेहनती और उम्मीद है कि वह और सफलता हसिल करेंगे। उन्होंने 2016 में अलवर स्थित साई सेंटर में ट्रायल दिया और चयनित होने के बाद एशियन गेम्स में जाने तक यहीं अभ्यास करते रहे हैं।
यूथ ओलम्पिक भी क्वालीफाई कोच कुलदीप ने बताया कि सौरभ 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतिस्पद्र्धा में यूथ ऑलम्पिक क्वालीफाई कर चुके हैं और जूनियर वल्र्ड कप में रिकॉर्ड बना चुके हैं। तीन मिक्स, व्यक्तिगत, टीम स्पद्र्धाओं में वह गोल्ड मैडल जीत चुके हंै। सौरभ ने 2014 में बागपत से निशानेबाजी का सफर शुरू किया। खास बात यह है कि खुद सौरभ ने पिस्टल खरीद निशानेबाजी में प्रशिक्षण शुरू किया। हालांकि सरकार का भी प्रशिक्षण के दौरान उन्हें सहयोग मिला है।