कम से कम सिस्टम की तो हत्या न करो साहब...लाचार मां को जवाब दो
अलवरPublished: Mar 22, 2023 11:41:00 am
अलवर. एक सप्ताह बीत गया। सरकारी मशीनरी ने हर जरूरी कार्य भी किए लेकिन उस लाचार मां को अफसर यह नहीं बता पाए कि उसके बेटे की हत्या से तीन दिन पहले राशन कार्ड से नाम क्यों कटा। दोषी कौन हैं ? डीएम जितेंद्र सोनी ने इस प्रकरण की जांच खुद रसद विभाग को सौंपी थी लेकिन विभाग के अफसरों ने हवा में उड़ा दी। इससे लाचार मां का दर्द और बढ़ रहा है। कहती हैं कि बेटा तो चला गया...कम से कम सिस्टम की तो हत्या न की जाए। मैंने कुछ मांगा नहीं है, बस एक सवाल का जवाब चाहिए।


कम से कम सिस्टम की तो हत्या न करो साहब...लाचार मां को जवाब दो
अलवर. एक सप्ताह बीत गया। सरकारी मशीनरी ने हर जरूरी कार्य भी किए लेकिन उस लाचार मां को अफसर यह नहीं बता पाए कि उसके बेटे की हत्या से तीन दिन पहले राशन कार्ड से नाम क्यों कटा। दोषी कौन हैं ? डीएम जितेंद्र सोनी ने इस प्रकरण की जांच खुद रसद विभाग को सौंपी थी लेकिन विभाग के अफसरों ने हवा में उड़ा दी। इससे लाचार मां का दर्द और बढ़ रहा है। कहती हैं कि बेटा तो चला गया...कम से कम सिस्टम की तो हत्या न की जाए। मैंने कुछ मांगा नहीं है, बस एक सवाल का जवाब चाहिए।
यह मामला बहरोड़ के खोहरी गांव में संजय उर्फ मुन्ना की हत्या का है। उसकी मां संतोष ने बेटे की हत्या से पहले राशनकार्ड से कटे नाम का मुद्दा जनसुनवाई में उठाया था। मां ने राशनकार्ड से कटे नाम की कडि़यां हत्या से जोड़कर सामने रखी थीं। उच्चाधिकारियों ने जांच सौंप दी लेकिन जिन्हें जांच सौंपी वह विभाग खुद ही सोया हुआ है। संजय की मां संतोष ने पहले ही अंदेशा बताया था कि सरकारी सिस्टम का इस हत्या में हाथ हो सकता है, इसलिए देरी की जा रही है। उनका कहना है कि इस मामले में जांच करने वाले अफसर कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। डीएसओ जितेंद्र सिंह नरुका का कहना है कि इस मामले को दिखवा रहे हैं।