दूर दूर से उपचार कराने आते हैं मरीज
औषद्यालय में हटूण्डी, चिरूणी, चूड़ला, कालूका, भिवाड़ा, रामबास व कोकावास सहित आसपास के मरीज इलाज कराने आते हैं। लेकिन अपर्याप्त जर्जर भवन होने के कारण मरीजों का उपचार करने में परेशानी होती है।
औषद्यालय में हटूण्डी, चिरूणी, चूड़ला, कालूका, भिवाड़ा, रामबास व कोकावास सहित आसपास के मरीज इलाज कराने आते हैं। लेकिन अपर्याप्त जर्जर भवन होने के कारण मरीजों का उपचार करने में परेशानी होती है।
यहां भी हालात बदहाल
उधर, ग्राम पदमाड़ा खुर्द व करनीकोट में पांच दशक से राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय मात्र दो कमरों में चल रहा है। यही हाल मुण्डियाखेड़ा व नांगल उदिया में जहां ना तो चिकित्सालय के चार दीवारी है ना मूलभूत सुविधाएं। वहीं चिकित्सक बताते हैं कि भवन पुराने हो गए हैं। बिना स्टोर रूम के दवा खराब होने का अंदेशा रहता है।
उधर, ग्राम पदमाड़ा खुर्द व करनीकोट में पांच दशक से राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय मात्र दो कमरों में चल रहा है। यही हाल मुण्डियाखेड़ा व नांगल उदिया में जहां ना तो चिकित्सालय के चार दीवारी है ना मूलभूत सुविधाएं। वहीं चिकित्सक बताते हैं कि भवन पुराने हो गए हैं। बिना स्टोर रूम के दवा खराब होने का अंदेशा रहता है।
बस 25 दवा नि:शुल्क
नि:शुल्क दवा योजना के तहत करीब 100 प्रकार की दवा उपलब्ध कराने का प्रावधान है, लेकिन औषद्यालय में जुकाम, खांसी, ज्वर, उदर रोग और पेट व्याधियों से संबंधित मात्र 25 प्रकार की दवाईयां दी जाती हैं। बरसात के मौसम में सीलन व छत से पानी टपकने के कारण भीगने का अंदेशा रहता है।
नि:शुल्क दवा योजना के तहत करीब 100 प्रकार की दवा उपलब्ध कराने का प्रावधान है, लेकिन औषद्यालय में जुकाम, खांसी, ज्वर, उदर रोग और पेट व्याधियों से संबंधित मात्र 25 प्रकार की दवाईयां दी जाती हैं। बरसात के मौसम में सीलन व छत से पानी टपकने के कारण भीगने का अंदेशा रहता है।
औषधालय की अव्यवस्थाओं के संबंध में स्थानीय प्रशासन और उच्च अधिकारियों को कई बार अवगत करवा चुके हैं। उन्होंने शीघ्र ही भवन की मरम्मत करवाने की बात कही है ।
डॉ. दिनेश योगी, प्रभारी राजकीय आयुर्वेद चिकित्सक, हटूण्डी।
डॉ. दिनेश योगी, प्रभारी राजकीय आयुर्वेद चिकित्सक, हटूण्डी।