अलवर

न्यायधीश ने क्यों कहा, शहर में व्यवस्था बना दीजिए नहीं तो जाओगे जेल

अलवर शहर की खराब व्यवस्था को लेकर नगर परिषद प्रशासन का सिर फिर शर्म झुका, अदालत ने सुनाई खरी-खोटी

अलवरDec 08, 2017 / 05:26 pm

Dharmendra Yadav

शहर की सफाई के मामले में गुरुवार को फिर से लोक अदालत में नगर परिषद प्रशासन को शर्म से सिर झुकाना ही नहीं पड़ा, बल्कि न्यायाधीश ने इतना तक कह दिया कि अब यह अवमानना का वाद हो चुका है। शहर में व्यवस्था बना दीजिए नहीं तो जेल जाएंगे। हर बार लोक अदालत में शहर की सफाई और लावारिश पशुओं को हटाने के मामले में नगर परिषद प्रशासन को फटकार खानी पड़ रही है।

अलवर शहर की सफाई अव्यवस्था से जु वाद अंकित भार्गव बनाम नगर परिषद वाद में लोक अदालत टीम के सामने नगर परिषद सभापति और आयुक्त ने कहा हम मजबूर है शहर की सफाई व्यवस्था बनाने और आवारा पशु से शहर को मुक्त करने में। इस पर लोक अदालत ने कहा हमें आपकी मजबूरी से मतलब नहीं है। जनता की समस्या सुनने बैठे हैं। जब अधिकारियों ने कचरा संग्रहण के बारे में बताया तो अदालत ने कहा कि धरातल पर परिणाम जीरो हैं। आयुक्त ने कहा शहर पशुओं को हटाने के एक दो महीने का समय और लग सकता है। बार-बार आदेश करने पर भी प्रमुख शासन सचिव नहीं आने रहे हैं। इस का आयुक्त के पास भी कोई जवाब नहीं बना। डूंगरपुर के सभापति को अभी तक नहीं बुलाया गया। जिसके लिए प्रमुख शासन सचिव दोषी हैं। आखिर में यह कहा कि 5 महीने से नगर परिषद् सभापति, आयुक्त और प्रमुख शासन सचिव आदेशो की खुली अवहेलना कर रहे हैं। हमें मजबूर मत कीजिये। नहीं तो कोर्ट की अवहेलना वाद के चलते जेल चले जाएंगे।

सड़कों की सुध नहीं, 21 को जवाब देंगे


लोक अदालत में अलवर की खस्ताहाल सड़कों के वाद में नगर विकास न्यास, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, नगर परिषद् अलवर, सार्वजनिक निर्माण विभाग, जिला कलक्टर, राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, एल एन टी कंपनी, यूईएम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि आए। कुछ ने जवाब पेश किया। शेष को 21 दिसम्बर को जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए। जिसमें पूरी जानकारी मांगी है। प्राजेक्ट के कार्य करने, शर्तें, पूर्ण कार्य व मौके के हालातों की जानकारी मांगी है। सुनवाई के दौरान अंकित भार्गव, दीपक शर्मा, दीपेन्द्र आर्य व यश अरोड़ा आदि मौजूद थे।
 

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