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अलवर में ड्राइविंग टेस्ट के नाम पर हो रहा है मजाक, ट्रेक की हालत देखकर चौंक जाएंगे आप!

locationअलवरPublished: Jan 24, 2018 12:04:29 pm

Submitted by:

Himanshu Sharma

अलवर के आरटीओ ऑफिस में जिस ट्रेक पर ड्राइविंग टेस्ट लिया जाता है, उसकी हालत देखकर आप भी चौंक जाएंगे।

Bad condition of driving test track in alwar rto office
जिस ड्राइविंग टेस्ट के बाद लोगों को वाहन चलाने का लाइसेंस मिलता है, उसकी औपचारिकता कैसे पूरा होती है? यह देखना है तो आरटीओ कार्यालय चले जाइए। यहां कच्चा व कंकर से युक्त ट्रैक पर ड्राइविंग टेस्ट लिया जा रहा हैझ। यही नहीं टै्रक से यातायात नियमों के बोर्ड तथा सिग्नल तक गायब है। ऐसे में यह टेस्ट कितनी गम्भीरता से पूरा किया जाता है इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है। अलवर के आरटीओ कार्यालय में प्रतिदिन 300 के आसपास ड्राइविंग लाइसेंस बनते हैं। पहले 30 दिनों के लिए लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाया जाता है। उसके बाद स्थाई लाइसेंस बनता है। स्थाई लाइसेंस बनवाते समय अभ्यर्थी को गाड़ी चलाकर दिखानी होती है। अगर अभ्यर्थी ने दोपहिया वाहन चलाने के लिए लाइसेंस बनवाया है। तो उसे दोपहिया वाहन चलाना पड़ेगा। अगर चौपहिया के लिए आवेदन किया है तो, उसे चौपहिया वाहन चलाकर दिखाना होता है। नियम के हिसाब से जिस ट्रैक पर अभ्यार्थी वाहन चलाकर दिखाता है। उस पर ट्रैफिक के नियमों के बोर्ड, ट्रैफिक लाइट, जेबरा क्रॉसिंग, यू टर्न, बैक टर्न, विकट मोड़ होते हैं। इस पर अभ्यार्थी को नियम के हिसाब से वाहन चलाना पड़ता है। लेकिन अलवर आरटीओ कार्यालय में यह टेस्ट केवल मजाक बन गया है। जिस ट्रैक पर यह टेस्ट लिया जाता है, वो पूरी तरह से टूटा हुआ है। ककंर व पत्थर निकले हुए हैं। लेकिन किसी का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है।
ड्राइविंग लाइसेंस की यह है प्रक्रिया

लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते समय अभ्यर्थी को ऑन लाइन स्क्रीन पर टेस्ट देना पड़ता है। उसमें अभ्यर्थी से ट्रैफिक के नियम संबंधी सवाल पूछे जाते हैं। जबकि स्थाई लाइसेंस बनवाते समय अभ्यर्थी को वाहन चलाकर दिखाना पड़ता है। उस समय अभ्यर्थी को ड्राइविंग टेस्ट देना पड़ता है।
नियम के हिसाब से अभ्यर्थी का टेस्ट लिया जाता है। अलवर सहित प्रदेशभर के आरटीओ कार्यालय में ऑटोमैटिक ट्रैक तैयार हो रहा है। यह पूरी तरह से आधुनिक होगा। उस पर टेस्ट के बाद ही अभ्यार्थी का लाइसेंस बनेगा।
अशोक शर्मा, डीटीओ, अलवर

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