ड्राइविंग लाइसेंस की यह है प्रक्रिया लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते समय अभ्यर्थी को ऑन लाइन स्क्रीन पर टेस्ट देना पड़ता है। उसमें अभ्यर्थी से ट्रैफिक के नियम संबंधी सवाल पूछे जाते हैं। जबकि स्थाई लाइसेंस बनवाते समय अभ्यर्थी को वाहन चलाकर दिखाना पड़ता है। उस समय अभ्यर्थी को ड्राइविंग टेस्ट देना पड़ता है।
नियम के हिसाब से अभ्यर्थी का टेस्ट लिया जाता है। अलवर सहित प्रदेशभर के आरटीओ कार्यालय में ऑटोमैटिक ट्रैक तैयार हो रहा है। यह पूरी तरह से आधुनिक होगा। उस पर टेस्ट के बाद ही अभ्यार्थी का लाइसेंस बनेगा।
अशोक शर्मा, डीटीओ, अलवर