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राजस्थान रोडवेज का ऐसा बुरा हाल आपने नहीं देखा होगा

locationअलवरPublished: Dec 14, 2017 04:01:01 pm

Submitted by:

Rajiv Goyal

राजस्थान रोडवेज की स्थिति से सब वाकिफ है, इस समय रोडवेज बसों में खिड़कियों के शीशे टूटे होने के बाद खिड़कियों पर लोहे की चादर लगाकर चलाया जा रहा है।

bad condition of rajasthan roadways buses
अलवर. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की भांति उसकी बसों की हालत भी पतली हो गई है। किसी बस के शीशे टूटे पड़े हंै तो किसी की सीट फटी हुई है। टूटे शीशों को बदलने की जगह रोडवेज चादर लगा काम चला रहा है। इसका असर रोडवेज के यात्रीभार पर भी पड़ रहा है। हकीकत ये है कि जुगाड़ पर चल रही रोडवेज से यात्रियों का मोहभंग हो रहा है। सर्दियों में तो स्थिति और भी विकट हो गई है।

शीशों के अभाव में खिड़कियों से हवा आने के चलते यात्री रोडवेज बसों की जगह अन्य वाहनों में यात्रा करना पसंद करने लगे हैं। इससे रोडवेज का यात्रीभार एकाएक कम हो गया है। एेसा नहीं है कि रोडवेज शीशे लगवाने में सक्षम नहीं है। रोडवेज में बस का शीशा टूटने पर चालक से हर्जाना वसलूने का भी प्रावधान है। सच्चाई ये है कि रोडवेज अधिकारियों ने चालकों से तो हर्जाना राशि वसूल ली, लेकिन बसों में नए शीशे नहीं लगवाए।
यात्रियों पर गिर जाती हैं चादरें


बसों के टूटे शीशे बदलवाने की जगह रोडवेज खिड़कियों पर लोहे की चादर लगा काम चला रहा है। वर्तमान में रोडवेज के दोनों डिपो की लगभग एक दर्जन बसें एेसी हैं, जिनमें शीशों की जगह चादरें लगी हुई हैं। जब ये बसें चलती हैं तो लोहे की चादरों के हिलने से फडफड़ की आवाजें आती हैं। कई बार आवाजों से यात्री घबरा जाते हैं। तेज हवा का दबाव पडऩे पर कई बार ये चादरें उखडक़र यात्रियों पर आ गिरती हैं। इससे हादसे का अंदेशा भी बना रहता है।

लोक परिवहन हो रही मालामाल
लोहे की चादर लगी बसों के चलने से जहां यात्रियों का रोडवेज से मोहभंग हो रहा है। वहीं, लोक परिवहन सहित प्राइवेट वाहन चालक मालामाल हो रहे हैं। सर्दियों में उन्हें बैठे-बिठाए यात्री मिल रहे हैं।
शीशे की कमी के चलते कुछ बसों पर चादर लगाई गई हैं। जल्द शीशे आने पर इन्हें बदल दिया जाएगा। रोडवेज चालकों के उसी सूरत में पैसे काटती है, जब शीशे आदि टूटने पर उनकी गलती सिद्ध होती है।
-मनोहर लाल शर्मा, मुख्य प्रबंधक अलवर आगार।
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