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अभी से संभल जाओ, अलवर जिले में अगर कोरोना फैलता है तो क्या हमारे पास चिकित्सा के पूरे इंतजाम हैं? पढ़िए यह रिपोर्ट

locationअलवरPublished: Mar 27, 2020 04:06:07 pm

Submitted by:

Lubhavan

अलवर जिले में अगर कोरोना फैलता है तो क्या हमारे पास चिकित्सा के पूरे इंतजाम हैं? पढ़िए यह रिपोर्ट

Be Aware Alwar : Medical Facilities In Alwar To Fight Corona Virus

अभी से संभल जाओ, अलवर जिले में अगर कोरोना फैलता है तो क्या हमारे पास चिकित्सा के पूरे इंतजाम हैं? पढ़िए यह रिपोर्ट

अलवर. कोरोना जैसी महामारी के संक्रमण की तेजी और जिले में मौजूद चिकित्सा व्यवस्थाओं की तुलना करने से लगता है कि हम सबको सरकारों की जारी गाइडलाइन से भी अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। असल में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को आखिरी पड़ाव तक वेंटिलेटर पर ले जाने की नौबत आ जाती हेै और अलवर जिले के सरकारी व निजी अस्पतालों में कुल केवल 50 ही वेंटिलेटर हैं। कोरोना के तेजी से फैलते संक्रमण को देखते हुए अब सरकार व प्रशासन तेजी से वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाने के इंतजाम में लगा गया है। चिकित्सकों का कहना है कि आमजन यदि संक्रमण को रोकने में हर संभव प्रयास करे तो इस वायरस को मात दी सकती है।
सरकारी अस्पताल में 10 ही वेंटिलेटर

अलवर के सामान्य अस्पताल में केवल दस ही वेंटिलेटर हैं। एक वेंटिलेटर पर करीब 15 से 20 लाख रुपए खर्च होते हैं। अब विधायक, सांसद व आमजन के आर्थिक सहयोग से वेंटिलेटर बढ़ाने के प्रयास तेजी से जारी हैं। लेकिन, मौजूदा व्यवस्थाओं को देखते हुए सरकारों पर बड़ा दबाव भी है। जिसमें हर व्यक्ति मदद करें तो बड़ी राहत मिल सकती है।
जिले में 6 हजार बैड का इंतजाम

जिले में सरकारी व निजी अस्पतालों में करीब 6 हजार बैड का इंतजाम करने की जरूरत समझी जा रही है। निजी अस्पतालों को प्रशासन ने 50 प्रतिशत तक बैड रिजर्व रखने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में भी करीब 2 हजार से अधिक बैड हैं। इनके अलावा इएसआइसी मेडिकल कॉलेज अलवर, इएसआइसी अस्पताल भिवाड़ी सहित कुछ पुराने बड़े निजी अस्पतालों के भवनों को भी आइसोलेशन वार्ड के रूप में तैयार किया जाने लगा है। चिकित्सकों का कहना है कि पहले करीब तीन हजार बैड का लक्ष्य तय हुआ लेकिन, इससे दोगुने बैड तैयार करने में जुटे हैं।
इनकी पड़ेगी जरूरत

अस्पतालों में वेंटिलेटर, पीपीई किट, नेबुलाइजर मशीन, क्रेशकार्ट, अम्बू बैग, फिंगर पल्स ऑक्सीमीटर, एबीजी मशीन सहित कई तरह की मशीन व उपकरणों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। जिसके लिए जनप्रतिनिधि सहित आमजन भी सहयोग करने को आगे आने लगे हैं।
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