वहां की सरकारों ने अनेक ऐसे कानून बना दिए जिससे दूसरे प्रदेश के युवा नौकरी में चयन ही नहीं हो पाते हैं। खासकर वहां की स्थानीय बोली-भाषा को जानना अनिवार्य कर दिया। इधर, हमारे राजस्थान प्रदेश में पोपा बाई का राज है। किसी भी प्रदेश का युवा आसानी से नौकरी लग जाता है और हमारे युवा रह जाते हैं। विधायक ने बिहार, गोवा व मणिपुर के उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार प्रदेश के युवाओं को आंदोलन पर उतरने को मजबूर नहीं करे। अन्यथा प्रदेश में सबसे बड़ा विरोध सामने आने वाला है। इसके अलावा जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पडौसी राज्यों से रिश्ते टूटने लगे हैं।
जिसके पीछे यही कारण है कि सीमावर्ती प्रदेश से होने वाली युवतियों के जाति प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं। जिससे रिश्ते टूटने की नौबत आ गई है। इस तरह रोजगार पर बड़ी चोट हो रही है। जिसे युवा बर्दाश्त नहीं कर सकेगा। इसके लिए सरकार को तुरंत कानून बनाने की जरूरत है।
यादव ने कहा कि औद्योगिक कंपनियों में भी स्थानीय को रोजगार में आरक्षण की व्यवस्था सरकार करे जिससे यहां के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके।