नाहवणी नदी के तट पर भाड़ा सिंह ने बसाया भांडा माजरी गांव
अलवरPublished: Jan 01, 2023 02:06:29 am
623 वर्ष पूर्व बसा गांव, शिव मंदिर है आस्था का केन्द्र


नाहवणी नदी के तट पर भाड़ा सिंह ने बसाया भांडा माजरी गांव
अलवर. जिले के मुंडावर कस्बे से करीब 11 किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में स्थित गांव माजरी भांडा की पहचान जगन्नाथ से होती है। जगन्नाथ अफगानिस्तान के राजा रहे गजसिंह के जागीरदार रहे हैं। नाहवणी नदी के तट पर बसा 300 घरों की बस्ती करीब 623 वर्ष पूर्व भाड़ा सिंह के द्वारा बसाया गया।
राजा गजसिंह के यहां हाथियों का लालन पालन करने वाले लोग तेहन गढ़ दिल्ली के आस पास आकर बस गए जो ठाकुर जाति के थे। बाद में गजराज गोत्र के जाट बन गए। जागा बही के अनुसार तेहन गढ़ को तहन पाल ने बसाया था जो मथुरा के आसपास का क्षेत्र है। बताया जाता है कि तेहनगढ़ में पहल राज नाम का बुजुर्ग के पूर्वज शामदा गांव में आकर बस गय थे। जो सोडावास कि दक्षिण पूर्वी दिशा में स्थित गांव है । शामदा गांव के शिव मंदिर देखने योग्य जगह है। शामदा ग्राम के ब्राह्मण आज भी गांव में रक्षा सूत्र बांधने व विवाह शादियों में काम करने आते हैं।पहल राज की संतानों में जगमाल शामदा छोडक़र पाटन खेड़ा आकर बस गए थे। पाटन खेड़ा किसी समय स्वरूप सराय और मुंडिया खेड़ा के बीच कच्चे घरों की बस्ती थी और नहावनी नदी मूंडियाखेड़ा और राजवाड़ा के बीच से बहती थी। वहां आज भी कालरा जोहड़ है।
अभी हैं भीमाराम के रहने के अवशेष